इलाहाबाद में develop हो रहा यूपी का पहला black buck sanctuary

काले हिरणों का होगा संरक्षण, tourists के लिए विशेष आकर्षण

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ALLAHABAD: अब वह दिन दूर नहीं जब यूपी का पहला ब्लैक बक सेंक्चुअरी (काला हिरण अभ्यारण्य) इलाहाबाद में होगा। यहां हिरणों के संरक्षण के अलावा पर्यटकों के लिए पिकनिक स्पॉट भी होंगे। प्रशासन द्वारा इस दिशा में इनीशिएटिव लिया जा चुका है, हिरणों के लिए वाटर होल्स, सोलर पंप्स और एप्रोच रोड का निर्माण किया जा रहा है, ताकि रिजर्व फारेस्ट तक पर्यटकों की पहुंच को आसान बनाया जा सके। डीएम संजय कुमार ने प्रोजेक्ट के लिए मनरेगा के अंतर्गत अलग से बजट की मांग की है।

काले हिरणों के लिए project

मेजा के चांद खमरिया गांव में सेंक्चुअरी को डेवलप करने का काम तेजी से चल रहा है। एनटीपीसी मेजा की ओर से 1.20 करोड़ की फंडिंग की गई है, जिससे एप्रोच रोड, तालाब और साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं। गांव और आसपास के एरिया में पांच सौ काले हिरण रहते हैं और इनके संरक्षण के लिए खुद डीएम संजय कुमार ने इनीशिएटिव लिया है। वे बताते हैं कि मनरेगा से भी एडिशनल फंड की डिमांड की गई है, ताकि प्लांटेशन, तालाब, सोलर पंप्स निर्माण समेत पर्यटकों के लिए सेंटर का निर्माण किया जा सके। वर्तमान में यहां पांच सौ काले हिरण हैं। उनका संरक्षण बड़ा मुद्दा था। उनको सुरक्षित जीवन देने के लिए सोलर पंप और पानी के तालाब बनवाए जा रहे हैं।

दिलाई दो सौ एकड़ जमीन

अभी तक वन विभाग के पास सौ एकड़ जमीन मौजूद थी, जो हिरणों के रहन-सहन के लिए पर्याप्त नहीं थी। डीएम ने इस समस्या को दूर करने के लिए चांद खमरिया के ग्राम सभा की दो सौ एकड़ जमीन को सेंक्चुअरी के लिए वन विभाग को दिलवाया है। फिलहाल, कुल मिलाकर तीन सौ एकड़ जमीन में यह फारेस्ट पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें काले हिरणों के अलावा आने वाले पर्यटकों के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जाएंगे। वन विभाग की ओर से हिरणों की सुरक्षा के लिए ग्रास लैंड और वाच टावर भी डेवलप किया गया है।

जरूरी था reserve forest बनना

चांद खमरिया की पहाडि़यों में रहने वाले काले हिरणों का संरक्षण बड़ा प्रश्न बन चुका था। शिकारियों और कुत्तों से बचाने के लिए इन्हें सेफ शेल्टर दिए जाने की मांग लंबे समय से चल रही थी। इस एरिया में सैकड़ों की संख्या में लंबे समय से काले हिरण निवास करते हैं। लेकिन, लगातार इनकी संख्या कम होती जा रही थी। खासकर गर्मियों में सिर छिपाने की जगह और पेयजल की कमी से यह दम तोड़ देते थे। ब्लैक बक सेंक्चुअरी के रूप में उनको नया जीवन प्रदान करने की पहल की जा रही है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के जानकार डीएम कहते हैं कि प्रदेश और केंद्र सरकार से इस सेंक्चुअरी को डेवलप करने संबंधी अन्य प्रपोजल भी भेजे गए हैं। उन्हें मंजूरी मिली तो मेजा का ब्लैक बक सेंक्चुअरी पूरे देश के आकर्षण का केंद्र होगा।