-गौ आश्रय स्थलों पर गोवंश को गोद लेने वालों की लगी लाइन

-एक व्यक्ति अधिकतम चार जानवरों को ले सकता है गोद

PRAYAGRAJ: गोवंश की सेवा करना हिंदू धर्म में पुण्य माना जाता है। जिनके पास गोवंश नहीं है, उनको भी सरकार पुण्य कमाने का मौका दे रही है। इस सरकारी योजना के अंतर्गत गो आश्रयस्थलों पर रखे गए छुट्टा पशुओं को एडॉप्ट करने की छूट दे रही है। इसमें लोगों को जानवरों को चारा खिलाने के लिए कुछ राशि भी दी जा रही है। फिलहाल, योजना के तहत गोवंश को एडॉप्ट करने वालों की संख्या दिनो-दिन बढ़ती जा रही है।

कई जानवरों को किया एडॉप्ट

इस अनोखी योजना के तहत अब तक हजारों गोवंश को विभिन्न लोगों ने एडॉप्ट किया है। नियमानुसार एक व्यक्ति अधिकतम चार गोवंश को गोद ले सकता है। इसके बदले में एक गोवंश के एवज में उसे जिला प्रशासन से प्रतिदिन तीस रुपए दिए जाएंगे। इस तरह से एक माह नौ सौ रुपए मिलेगा। यह पैसा जानवर को चारा खिलाने के लिए दिया जाएगा। बता दें कि जिले में कुल 108 गौ आश्रयस्थल स्थापित किए गए हैं। इनमें 10291 जानवर रह रहे हैं।

यह हैं नियम और शर्ते

-सरकार ने गोवंश को गोद लेने के लिए नियम सख्त बनाए हैं।

-उन्हीं गोवंश को गोद दिया जाता है, जिनकी जियो टैगिंग हो चुकी है।

-एडॉप्शन से पहले शपथ पत्र देकर छह प्वाइंट्स के जवाब देने होते हैं।

-गोवंश अगर पालन-पोषण के दौरान मर जाता है तो उसका अंतिम संस्कार भी पालक को करना होगा।

-माह में एक बार गोद लिए गए पशुओं की मॉनीटरिंग की जाएगी।

-इस दौरान जानवरों को टीकाकरण नि:शुल्क किया जाएगा।

-अगर गाय के साथ बछड़ा है तो इसे एक पशु ही माना जाता है।

-एडॉप्शन के दौरान अगर पशु को हानि होती है तो दोष सिद्ध होने पर पालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

जिन छुट्टा पशुओं को पकड़कर गौ आश्रय स्थलों पर लाया गया है, उनकी जियो टैगिंग की जा रही है। इन्हीं जानवरों को नियमों के आधार पर गोद दिया जा रहा है। लोगों द्वारा इस योजना को पसंद किया जा रहा है। इससे जानवरों का भी भला हो रहा है।

-डॉ। आरपी राय

मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज