सीबीआइ कोर्ट ने सुरेंद्र कोली व मनिंदर पंढेर को सुनाई है फांसी की सजा

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नोएडा के निठारी कांड में आरोपी सुरेंद्र कोली व मनिंदर सिंह पंढेर की सजा के खिलाफ आपराधिक अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। सीबीआइ कोर्ट गाजियाबाद ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में आठ केसों में सुनाई गई सजा को अपील में चुनौती दी गयी है। पंढेर को कुछ ही केसों में फांसी की सजा दी गयी है।

लंबी बहस के बाद फैसला सुरक्षित

अपीलों की सुनवाई जस्टिस वीके नारायण तथा जस्टिस प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने की। महीनों चली लंबी बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। कुछ साल पहले निठारी गांव के दर्जनों बच्चे अचानक लापता हो गए थे। इसमें लड़कियों की संख्या अधिक थी। इस मामले में सुरेंद्र कोली पर बच्चों के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने, उनका खून पीने व मांस खाने का आरोप लगा। जिस मकान में घटना को अंजाम दिया जाता था वह पंढेर का है। मकान के पास नाले में काफी कंकाल भी बरामद किए गए, जिसके बाद सुरेंद्र व पंढेर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

सीबीआई ने की थी जांच

मामले की गंभीरता को देखते हुए उसकी सीबीआइ जांच कराई गई। सीबीआइ के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक केस में फांसी की सजा की पुष्टि करते हुए कहा है कि आरोपी कोली के अपराध स्वीकार करने और साक्ष्य से समर्थन होने के कारण अपराध रेयर ऑफ रेयरेस्ट की श्रेणी में आता है। इसलिए फांसी की सजा अपराध स्वीकार करने के बयान के आधार पर देना उचित है। साथ ही सह अभियुक्त पंढेर ने भी कोली को बच्चों की हत्याओं का दोषी ठहराया है। कोली ही पंढेर के मकान का देखरेख करता था। उसके बाहर जाने पर उसने अपराध किया है। लेकिन, सीबीआइ ने कई मामलों में पंढेर की भी संलिप्तता के साक्ष्य दिए हैं। दोनों आरोपियों ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्हें फंसाया गया है।