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खबर में 20 फरवरी 2017 को 05 नम्बर पेज पर प्रकाशित खबर का पीडीएफ आई इम्पैक्ट के साथ लगा लें। पीडीएफ में खबर है वीसी साहब टायलेट भी बनवा दो।

Allahabad University की छात्राओं के लिए बनाया गया सेल

अनुशासन संबंधी किसी भी कठिनाई के लिये मिलेगी हेल्प

ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्राओं के लिए एक सहायता प्रकोष्ठ (हेल्पलाइन सेल) का गठन प्रोफेसर अर्चना चहल अध्यक्ष शारीरिक शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में किया गया है। विश्वविद्यालय की सभी छात्राओं को परिसर में अनुशासन सम्बन्धी किसी भी कठिनाई के लिए प्रकोष्ठ बनाया गया है। इस हेल्पलाइन के द्वारा छात्राओं का नाम गोपनीय रखते हुए उसका निराकरण सख्ती से किया जायेगा। प्रकोष्ठ के सदस्यों में प्रो। शबनम हमीद, डॉ। लालसा यादव, डॉ। सरोज यादव, डॉ। पिंकी सैनी, डॉ। ज्योति मिश्रा एवं डॉ। शेफाली नन्दन को शामिल किया गया है।

छेड़छाड़ की घटनायें आम बात

गौरतलब है कि इविवि की छात्राओं के साथ छेड़खानी, मारपीट, अभद्रता और गाली गलौज जैसी चीजें आम बात है। इसके अलावा भी उनकी कई तरह की समस्यायें रहती हैं। जिन्हें वे शिकायती सेल के आभाव में किसी से कह नहीं पाती। इविवि में यह लम्बे समय से मांग चली आ रही थी कि परिसर में तेज तर्रार महिलाओं के सेल का गठन किया जाये। जिससे छात्रायें न केवल अपनी शिकायत दर्ज करवायें, बल्कि तत्काल उनकी शिकायतों का निस्तारण भी हो।

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फरवरी में चला था आन्दोलन

बता दें कि इविवि कैम्पस में फरवरी माह में फोरम फॉर कैम्पस डेमोक्रेसी नाम से अस्तित्व में आये संगठन ने कई मांगों को लेकर जोरदार तरीके से आन्दोलन चलाया था। छात्र-छात्राओं की मांगों में कैम्पस में छात्राओं के लिये टायलेट बनवाना और छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगाना भी शामिल था। आई नेक्स्ट ने भी इस इश्यू को पकड़ा और 20 फरवरी 2017 के अंक में खबर का विस्तृत ढंग से प्रकाशन किया। पूरी खबर महिला छात्रावास में रहने वाली छात्राओं से बातचीत के आधार पर प्रकाशित की गई। जिसमें छात्राओं ने टायलेट न होने और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं पर बेबाकी से अपनी राय रखी।

छात्राओं के साथ अभद्रता की घटनायें होती रहती हैं। इसके अलावा भी उनकी कई तरह की प्रॉब्लम रहती है। जिसे वे पुरूष अधिकारियों से कहने में संकोच करती हैं। छात्रायें अपनी समस्यायें बता सकें। इस मकसद से सेल का गठन किया गया है। सेल में शामिल सभी महिला सदस्य को प्रॉक्टोरियल बोर्ड में काम करने का अच्छा अनुभव है।

-प्रो। राम सेवक दुबे,

चीफ प्रॉक्टर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी