क्या आपने रिश्वत दी है?


An initiative to change the system



Allahabad : इलाहाबाद के 49 ऐसे लोग हैं जिन्होंने साइट पर कंफेस किया है कि उन्होंने अपना काम कराने के लिए रिश्वत दी है। इन लोगों ने काम पूरा कराने के लिए 18 लाख रुपए का भुगतान किया है। साइट पर कंफेस करने के बाद भी ये सामने नहीं आना चाहते। वैसे भी आज की सोसाइटी का सच यही है कि कॉमन पब्लिक से पूछा जाए कि क्या आपने कभी रिश्वत दी है? तो शायद 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों का जवाब हां होगा। लेकिन, यह पूछा जाए कि क्या आपने रिश्वत की डिमांड की शिकायत कहीं की है? तो हां का प्रतिशत 0.9 तक जाने के पूरे-पूरे चांसेज होते हैं। इसका एक मात्र कारण है कि सबको अपना काम होने से मतलब है। कोई बेवजह की टेंशन नहीं चाहता। ऐसे ही लोगों को साथ जोड़कर एक एनजीओ रिश्वतखोरी के खिलाफ बड़ा जनआंदोलन खड़ा करने की तैयारी में है ताकि समाज को इस क्र'कोढ़क्र' से मुक्ति मिले.

दिल खोलकर लिखें पूरी बात
अब अगर रिश्वत देने के बाद मन कटोचे तो परेशान बिल्कुल न हों। किन परिस्थितियों के चलते आपको रिश्वत देने पर मजबूर होना पड़ा? दिल खोलकर अपना एक्सपीरियंस आप मैंने रिश्वत दी डॉट कॉम पर लिख सकते हैं। करप्शन को लेकर सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ी जा रही है। मैंने रिश्वत दी वेबसाइट एक नया तरीका है करप्शन के अगेंस्ट जंग लडऩे का। थर्सडे को इस एनजीओ से जुड़े मेंबर ने वेबसाइट की वर्किंग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह जनाग्रह सेंटर फॉर सिटीजनशिप एंड डेमोक्रेसी की पहल है। इसी वीक इस वेबसाइट को हिंदी में लांच किया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग रिश्वत देने का अपना एक्सपीरियंस यहां शेयर कर सकें। उन्होंने बताया कि करप्शन से जंग का यह नया आइडिया तीन साल पहले इंट्रोड्यूज किया गया था। इंग्लिश में होने के चलते हिंदी भाषी स्टेट से ज्यादा लोग इससे कनेक्ट नहीं हो पाए. 

रिपोर्ट व ट्रेंड को रखा जाएगा ऑफिसर्स के सामने 

आमतौर पर हम अपने सही काम के लिए रिश्वत देते हैं तो उसको ट्रेंड मानकर छोड़ देते हैं। जिस कारण से बात आई-गई हो जाती है। मैंने रिश्वत दी है पोर्टल में बस हमको अपना रिश्वत का एक्सपीरियंस लिखना है। मसलन, किस तरह से मांगी गई, किसको दी, कितना दिया? किस काम के लिए दी गई है? जैसी बातें लिखकर पोस्ट कर देनी है। टीम के मेंबर्स बताते हैं कि यह एक प्लेटफार्म की तरह है, जिसमें अगर हर व्यक्ति का रिश्वत लेने का दर्द आएगा तो निश्चित तौर पर यह एक हुंकार बनकर रिश्वत के सेट ट्रेंड को बदल सकता है। टीम मेंबर ने बताया कि हम एक निश्चित संख्या में रिश्वत देने के पब्लिक का एक्सपीरिएंस मिल जाने के बाद उस पर वर्क स्टार्ट करते हैं। उसकी एक रिपोर्ट तैयार की जाती है। जिसमें जिस विभाग में रिश्वत पब्लिक को देनी पड़ी है, उसके सीनियर मोस्ट ऑफिसर्स को उस विभाग में चल रहे रिश्वत के खेल व ट्रेंड के बारे में जानकारी दी जाती है। सेंटर फॉर सिटीजनशिप एंड डेमोक्रेसी के मेंबर्स यह भी बताते हैं कि बंगलौर में ट्रैफिक से रिलेटेड कई चेंज पब्लिक के एक्सपीरियंस की रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने किए हैं. 


इलाहाबाद से 18 लाख, यूपी से 3.5 करोड़ 

टीम के गीतेश बंसल ने बताया कि पिछले तीन साल में वेबसाइट इंग्लिश में थी। इस दौरान इलाहाबाद से 49 और यूपी से 1200 लोगों ने रिश्वत देने के अपने एक्सपीरियंस शेयर किए हैं। उन्होंने बताया कि इन 49 शिकायतों में करीब 18 लाख रुपए बतौर रिश्वत दी है। वहीं यूपी में 1200 लोगों में रिश्वत का यह एमाउंट 3.5 करोड़ तक पहुंच गया। वह बताते हैं कि एजुकेशन इंस्टीट्यूट, पुलिस, पासपोर्ट, डिफरेंट वेरिफिकेशन, आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र के लिए एवरेज एनुअल 10 से 12 हजार रुपए की रिश्वत पब्लिक को देनी पड़ जाती है. 




ऐसे दर्ज कर सकते हैं आप अपना एक्सपीरियंस 
-www.mainerishwatdi.com पर जाना होगा. 
-उसके बाद तीन ऑप्शन हैं। रिश्वत दी थी, मांगी लेकिन नहीं दी गई, रिश्वत नहीं मांगी गई. 
-रिलेटेड विभाग का नाम क्लिक करके आप अपने एक्सपीरियंस लिख सकते हैं. 
-डिटेल्स में कितने पैसा, किसने मांगा जैसी डिटेल्स आप दे सकते है. 
-फैक्ट व एक्सपीरियंस सही आएं इसके लिए बिना नाम व एड्रेस डाले अपना एक्सपीरियंस लिख सकते हैं. 
-कोई पर्सनल दुश्मनी के लिए इसका यूज न करें, ऐसे में डिपार्टमेंट की वर्किंग को फोकस किया जाता है. 
-पब्लिक की बात को ऑफिसर्स के सामने सामूहिक तौर पर रखा जाता है, किसी तरह का कानूनी दांवपेंच नहीं अपनाए जाते. 


 

दिल खोलकर लिखें पूरी बात

अब अगर रिश्वत देने के बाद मन कटोचे तो परेशान बिल्कुल न हों। किन परिस्थितियों के चलते आपको रिश्वत देने पर मजबूर होना पड़ा? दिल खोलकर अपना एक्सपीरियंस आप मैंने रिश्वत दी डॉट कॉम पर लिख सकते हैं। करप्शन को लेकर सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ी जा रही है। मैंने रिश्वत दी वेबसाइट एक नया तरीका है करप्शन के अगेंस्ट जंग लडऩे का। थर्सडे को इस एनजीओ से जुड़े मेंबर ने वेबसाइट की वर्किंग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह जनाग्रह सेंटर फॉर सिटीजनशिप एंड डेमोक्रेसी की पहल है। इसी वीक इस वेबसाइट को हिंदी में लांच किया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग रिश्वत देने का अपना एक्सपीरियंस यहां शेयर कर सकें। उन्होंने बताया कि करप्शन से जंग का यह नया आइडिया तीन साल पहले इंट्रोड्यूज किया गया था। इंग्लिश में होने के चलते हिंदी भाषी स्टेट से ज्यादा लोग इससे कनेक्ट नहीं हो पाए. 

रिपोर्ट व ट्रेंड को रखा जाएगा ऑफिसर्स के सामने 

आमतौर पर हम अपने सही काम के लिए रिश्वत देते हैं तो उसको ट्रेंड मानकर छोड़ देते हैं। जिस कारण से बात आई-गई हो जाती है। मैंने रिश्वत दी है पोर्टल में बस हमको अपना रिश्वत का एक्सपीरियंस लिखना है। मसलन, किस तरह से मांगी गई, किसको दी, कितना दिया? किस काम के लिए दी गई है? जैसी बातें लिखकर पोस्ट कर देनी है। टीम के मेंबर्स बताते हैं कि यह एक प्लेटफार्म की तरह है, जिसमें अगर हर व्यक्ति का रिश्वत लेने का दर्द आएगा तो निश्चित तौर पर यह एक हुंकार बनकर रिश्वत के सेट ट्रेंड को बदल सकता है। टीम मेंबर ने बताया कि हम एक निश्चित संख्या में रिश्वत देने के पब्लिक का एक्सपीरिएंस मिल जाने के बाद उस पर वर्क स्टार्ट करते हैं। उसकी एक रिपोर्ट तैयार की जाती है। जिसमें जिस विभाग में रिश्वत पब्लिक को देनी पड़ी है, उसके सीनियर मोस्ट ऑफिसर्स को उस विभाग में चल रहे रिश्वत के खेल व ट्रेंड के बारे में जानकारी दी जाती है। सेंटर फॉर सिटीजनशिप एंड डेमोक्रेसी के मेंबर्स यह भी बताते हैं कि बंगलौर में ट्रैफिक से रिलेटेड कई चेंज पब्लिक के एक्सपीरियंस की रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने किए हैं. 

इलाहाबाद से 18 लाख, यूपी से 3.5 करोड़ 

टीम के गीतेश बंसल ने बताया कि पिछले तीन साल में वेबसाइट इंग्लिश में थी। इस दौरान इलाहाबाद से 49 और यूपी से 1200 लोगों ने रिश्वत देने के अपने एक्सपीरियंस शेयर किए हैं। उन्होंने बताया कि इन 49 शिकायतों में करीब 18 लाख रुपए बतौर रिश्वत दी है। वहीं यूपी में 1200 लोगों में रिश्वत का यह एमाउंट 3.5 करोड़ तक पहुंच गया। वह बताते हैं कि एजुकेशन इंस्टीट्यूट, पुलिस, पासपोर्ट, डिफरेंट वेरिफिकेशन, आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र के लिए एवरेज एनुअल 10 से 12 हजार रुपए की रिश्वत पब्लिक को देनी पड़ जाती है. 

ऐसे दर्ज कर सकते हैं आप अपना एक्सपीरियंस 

-www.mainerishwatdi.com पर जाना होगा. 

-उसके बाद तीन ऑप्शन हैं। रिश्वत दी थी, मांगी लेकिन नहीं दी गई, रिश्वत नहीं मांगी गई. 

-रिलेटेड विभाग का नाम क्लिक करके आप अपने एक्सपीरियंस लिख सकते हैं. 

-डिटेल्स में कितने पैसा, किसने मांगा जैसी डिटेल्स आप दे सकते है. 

-फैक्ट व एक्सपीरियंस सही आएं इसके लिए बिना नाम व एड्रेस डाले अपना एक्सपीरियंस लिख सकते हैं. 

-कोई पर्सनल दुश्मनी के लिए इसका यूज न करें, ऐसे में डिपार्टमेंट की वर्किंग को फोकस किया जाता है. 

-पब्लिक की बात को ऑफिसर्स के सामने सामूहिक तौर पर रखा जाता है, किसी तरह का कानूनी दांवपेंच नहीं अपनाए जाते.