हालत गंभीर देख सीएचसी से डॉक्टरों ने रेफर किया एसआरएन हॉस्पिटल

मौके से 9-एमएम का खोखा बरामद, गांव में फोर्स तैनात

ALLAHABAD: सरायइनायत थाना क्षेत्र के ककरादुबावल गांव के प्रधानपति अमरेंद्र उर्फ पप्पू मिश्रा को मंगलवार शाम बदमाशों ने उस वक्त गोली मार दी जब वह कार से कहीं जा रहे थे। गंभीर हालत में उन्हें परिजन सीएचसी ले गए। जहां से डॉक्टरों ने उन्हें एसआरएन हॉस्पिटल रेफर कर दिया। पप्पू ने गांव के ही पूर्व प्रधान व उसके भाई एवं भतीजे पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया है। पुलिस मामले को चुनावी रंजिश मान कर जांच में जुट गई है।

चुनावी रंजिश मान रही पुलिस

ककरादुबवाल गांव निवासी अशोक कुमार का बेटा अमरेंद्र की पत्‍‌नी सोनी मिश्रा प्रधान है। उनका एक मकान हनुमानगंज जैदपुर में भी है। यहां अमरेन्द्र का पुरा परिवार रहता है। बताते हैं कि मंगलवार की शाम करीब सात बजे अमरेंद्र दुबावल गांव वाले घर से के बाहर खड़ी कार में बैठने जा रहे थे। इसी बीच बाइक सवार बदमाशों ने पीछे से उन पर फायरिंग कर दी। कमर के नीचे गोली लगने से अमरेंद्र लहूलुहान होकर गिर पड़े। यह देख हमलावर भाग निकले। घटना से गांव में सनसनी फैल गई। कुछ ही देर में भीड़ जमा हो गई। सूचना पर पुलिस के साथ एसपी गंगापार व सीओ मौके पर पहुंच गए। घायलावस्था में उसे सीएचसी ले जाया गया। सीएचसी से डॉक्टरों ने स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल रेफर कर दिया। पुलिस को घटना स्थल से एक 9-एमएम का खोखा मिला है। एसपी गंगापार सुनील सिंह का कहना है कि पीडि़त ने पूर्व प्रधान व उसके परिजनों पर हमले का आरोप लगाया है। चुनावी रंजिश को लेकर इस घटना को अंजाम दिया गया है। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।

1986 से चल रही है वर्चस्व की जंग

अमरेंद्र के चाचा अनिल मिश्रा की इसी साल एक अगस्त को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अनिल की लाश तालाब में पाई गई थी। घरवालों की तहरीर पर पुलिस ने पूर्व प्रधान आनंद मिश्र, सोनू, हरीलाल व धीरज के खिलाफ नामजद और तीन अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। इस हत्याकांड में हरीलाल व धीरज की गिरफ्तारी हुई थी। बाकी आरोपी नहीं पकड़े जा सके थे। अनिल के कत्ल के बाद ही अमरेंद्र की सुरक्षा को सरकारी गनर मिला था। परिजनों का आरोप है कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी में पुलिस ने लापरवाही की जिसकी वजह से अब अमरेंद्र को गोली मार दी गई। आरोपियों का मकान भी अमरेंद्र से सटा हुआ है। छत से गोली मारी गई है। लोग बताते हैं कि दोनों परिवारों में वर्ष 1986 से वर्चस्व की जंग चली आ रही है।