Allahabad: वाहनों को गायब कर देना आसान था लेकिन इसे निकालना बेहद मुश्किल। बाइक से फर्जी कागजात तैयार कराना। उसका कलर और मॉडल में थोड़ा-बहुत चेंज कराना ताकि आसानी से पकड़ में आए। इसके बाद ऐसे क्लाइंट्स की तलाश करना जो उन पर भरोसा कर ले और किसी से शिकायत करने के बारे में सोचे भी न। साथ ही फायदा भी चाहिए था ताकि इस धंधे में इनवाल्व नेटवर्क को पुलिस और कानून की नजरों से बचाकर रखा जाए। इस बदमाश कंपनी ने नेटवर्क तो ऐसा फैलाया था कि किसी को सपने में भी यकीन न हो कि वह जो कुछ भी खरीद रहा है वह चोरी का है। लेकिन, कब तक बच पाते कानून के लम्बे हाथों से। पकड़ ही लिए गए.
25 परसेंट पैसा बाद में ले जाएंगे
बाकइ लिफ्टिंग और उसे मार्केट में सेल करने वाली गैंग मंडे को पुलिस के हत्थे चढ़ी तो यह सच सामने आया कि आखिर वह क्यों पुलिस की पकड़ से अब तक दूर थे। पकड़े गए लोगों ने बताया कि वे गाडिय़ां उड़ाने के बाद उसे मार्केट में बेचने के लिए कस्टमर तलाशते थे। ये लोग ज्यादा फोकस देहात एरिया पर करते थे। बाइक को इन्हें 20 हजार तक में बेचना होता था। पुरानी होने पर रेट नीचे चला आता था। बिक्री का सौदा करते वक्त इनका पूरा कंसंट्रेशन इस बात पर होता था कि खरीदने वाला यह भांप भी न सके कि वह चोरी का माल खरीद रहा है। इसके लिए वह 25 परसेंट एमाउंट कागज सौंपने के वक्त लेने का पासा फेंकते थे। नकली कागज तैयार करके डिलीवरी 15 से 30 दिनों में दी जाती थी। इससे खरीदनेवाला शक भी नहीं कर पाता था.
12 बाइक और एक बोलेरो
एसएसपी ने बताया कि शहर, गंगापार और यमुनापार एरिया में शातिर चोर बाइक पल भर में उड़ा दे रहे थे। कुछ स्पेशल टीमें इसे पकडऩे के लिए लगाई गई थीं। इसी क्रम में खीरी पुलिस ने एक ऐसे बाइक लिफ्टर गैंग को पकड़ा जो लगातार बाइक चोरी करके उसका सप्लाई गांवों में कर रहे थे। इनके पास से 12 बाइक और एक बोलेरो बरामद हुई है। पुलिस ने बताया कि धूमनगंज का रहने वाला इंद्र बहादुर गैंग का मास्टर माइंड है। वह अपने रिलेटिव की मदद से इस धंधे को ऑपरेट कर रहा था। इनके साथ मेजा के रहने वाले अनिल व संदीप, धूमनगंज के रहने वाले अनूप द्विवेदी और मांडा के रहने वाले भीमकांत पकड़े गए हैं। सभी इस नेटवर्क का हिस्सा थे.
एक अच्छा बाइक लिफ्टर गैंग पकड़ा गया है। जो शहर में दर्जनों गाडिय़ों को चुरा चुका था। वर्कआउट करने वाली टीम को पंाच हजार रुपए इनाम दिया जाएगा.
बाकइ लिफ्टिंग और उसे मार्केट में सेल करने वाली गैंग मंडे को पुलिस के हत्थे चढ़ी तो यह सच सामने आया कि आखिर वह क्यों पुलिस की पकड़ से अब तक दूर थे। पकड़े गए लोगों ने बताया कि वे गाडिय़ां उड़ाने के बाद उसे मार्केट में बेचने के लिए कस्टमर तलाशते थे। ये लोग ज्यादा फोकस देहात एरिया पर करते थे। बाइक को इन्हें 20 हजार तक में बेचना होता था। पुरानी होने पर रेट नीचे चला आता था। बिक्री का सौदा करते वक्त इनका पूरा कंसंट्रेशन इस बात पर होता था कि खरीदने वाला यह भांप भी न सके कि वह चोरी का माल खरीद रहा है। इसके लिए वह 25 परसेंट एमाउंट कागज सौंपने के वक्त लेने का पासा फेंकते थे। नकली कागज तैयार करके डिलीवरी 15 से 30 दिनों में दी जाती थी। इससे खरीदनेवाला शक भी नहीं कर पाता था।
एसएसपी ने बताया कि शहर, गंगापार और यमुनापार एरिया में शातिर चोर बाइक पल भर में उड़ा दे रहे थे। कुछ स्पेशल टीमें इसे पकडऩे के लिए लगाई गई थीं। इसी क्रम में खीरी पुलिस ने एक ऐसे बाइक लिफ्टर गैंग को पकड़ा जो लगातार बाइक चोरी करके उसका सप्लाई गांवों में कर रहे थे। इनके पास से 12 बाइक और एक बोलेरो बरामद हुई है। पुलिस ने बताया कि धूमनगंज का रहने वाला इंद्र बहादुर गैंग का मास्टर माइंड है। वह अपने रिलेटिव की मदद से इस धंधे को ऑपरेट कर रहा था। इनके साथ मेजा के रहने वाले अनिल व संदीप, धूमनगंज के रहने वाले अनूप द्विवेदी और मांडा के रहने वाले भीमकांत पकड़े गए हैं। सभी इस नेटवर्क का हिस्सा थे.
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