प्रयागराज ब्यूरो । इस बार लोकसभा चुनाव में आपका बूथ बदल सकता है। इसको लेकर एलर्ट हो जाइए। क्योंकि पिछले पांच साल में वोटर्स की संख्या बढऩे के बाद बूथों का संभाजन की स्थित बन रही है। इसके चलते आठ अगस्त को प्रशासन की ओर से मतदेय स्थलों की सूची का प्रकाशन भी किया जा रहा है। इस पर दावे और आपत्तियां भी ली जाएंगी। इसके अलावा निर्वाचन आयोग भी बूथों पर वोटर्स की जनसंख्या को संज्ञान में लेकर बूथ बढ़ाने का फैसला ले सकता है।

1.31 लाख नए वोटर हुए शामिल

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जिले की दो लोकसभा सीटों पर वोटर की संख्या टोटल 4491886 थी। वर्तमान में यह संख्या 1.31 लाख बढ़कर 4623649 हो गई है। इसकी वजह से बूथों की संख्या बढऩे की स्थिति बन चुकी है। क्योंकि एक बूथ पर अधिकतम 13500 वोटर रखने का मानक तय है और इस समय दोनों लोकसभा की बारह विधानसभा में कुल 4708 पोलिंग बूथ मौजूद हैं। बता दें कि जिले की दो लोकसभा सीटें फूलपुर और इलाहाबाद है। दोनों में कुल बारह विधानसभाएं शामिल हैं।

आपत्तियों पर होगा संभाजन

जिन बूथों पर वोटर्स की संख्या निर्धारित मानक से अधिक होगी, वहां पर संभाजन किया जा सकता है। ऐसे में वोटर्स की भाग संख्या में परिवर्तन हो जाएगा। पिछले लोकसभा चुनाव में भी ऐसा हुआ था। संभाजन के चलतें बूथों की संख्या बढ़ी और इलेक्शन के दौरान बूथ पता लगाने के चलते कई लोग वोट देने से चूक गए थे। इस बार 8 अगस्त को पोलिंग बूथों की सूच्री का प्रकाशन होने जा रहा है। 14 अगस्त तक इनकी दावे और आपत्तियां प्राप्त की जानी हैं। इस दौरान राजनीतिक दलों को दावे और आपत्यिां दाखिल करने का पूरा अधिकार होगा।

अभी चलेगा एक और पुनरीक्षण अभियान

लोकसभा चुनाव अगले साल मई में होने की संभावना है। इससे पहले एक बार और मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम चलाया जाना है। इसमें बड़ी संख्या में नए वोटरों को जोड़ा जाएगा। खासकर उनको जिनकी उम्र 18 साल से अधिक हो चुकी है और वह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट देंगे। बता दें कि जिले में तीन बूथ पहले ही बढ़ चुके हैं। इसमें एक शहरी और दो बूथ करछना एरिया में बढ़ाए गए हैं। इसके अलावा 21 मतदान केंद्रों का भवन परिवर्तन भी हो सकता है। यह भवन जर्जर बताए जा रहे हैं और इनमें चुनाव कराना उचित नहीं होगा।

वर्जन

अभी कुछ भी नही कहा जा सकता है। अभी मसौदा तैयार हो रहा है। मतदेय स्थलों की सूची प्रकाशन के बाद दावे और आपत्तियों के जरिए आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।

बृजेंद्र कुमार, एडीईओ प्रयागराज