नूतन को मोहरे के तौर पर इस्तेमाल करते थे इमरान और संदीप

जल निगम के अनुभाग अधिकारी के अपहरण में चारे के तौर पर हुई इस्तेमाल

सोरांव के सर्राफा व्यापारी को ब्लैकमेल करने में भी लिया गया था नूतन का सहारा

इलाहाबाद में हाईवे के किनारे मिली हत्याकर फेंकी गई एक पुरुष और एक महिला की लाश। लखनऊ से जल निगम के अनुभाग अधिकारी का अपहरण और फिरौती लेकर छोड़ा जाना। सोरांव के सर्राफा कारोबारी को फंसाकर मोटी रकम वसूली। इन तीनो घटनाओं में तीन व्यक्ति कॉमन थे। दो मर चुके हैं और तीसरे को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। तीनो ब्लैकमेलिंग के धंधे में लगे हुए थे। बड़े लोगों से दोस्ती फिर लड़की को चारा बनाकर मोटी रकम ऐंठना ही इनका कारोबार था। इसी के सहारे वे आराम की जिंदगी गुजार रहे थे। लेकिन, बकरे की अम्मा आखिर कब तक खैर मनाती। पोल खुल गई। नतीजा दो लोगों के दर्दनाक कत्ल के रूप में सामने आया।

तीनो किरदार इलाहाबाद के

ब्लैकमेलिंग का खिलाड़ी जो मर चुका है, उसका नाम संदीप था। एयरफोर्स की एमईएस विंग में कर्मचारी संदीप एक साल से नौकरी से गायब था। पत्‍‌नी-बेटी से संबंध लगभग छूट चुके थे। पिता ने बेटे की हरकतों को जानने के बाद सम्पत्ति बहू के नाम कर दी थी। इसके बाद भी उस पर कोई फर्क नहीं था। प्रापर्टी डीलिंग के बिजनेस से जुड़ गया था। यहां से लेकर लखनऊ तक जाल-बट्टा फैला रखा था। इलाबाबाद में धूमनगंज में और लखनऊ में गोमती नगर में रहता था। संदीप के साथ ही जान गंवाने वाली नूतन पांडेय उर्फ नूतन ओझा इलाहाबाद के बेनीगंज की रहने वाली थी। उसकी शादी प्रतापगढ़ में हुई थी। लेकिन, वह इस रिश्ते को छोड़कर संदीप के साथ ही रहने लगी थी। तीसरा चेहरा है इमरान। वह भी मूलरूप से इलाहाबाद का ही रहने वाला है और फिलहाल मुंबई में रह रहा था। उसे एसटीएफ ने बुधवार की रात लखनऊ एयरपोर्ट पर मुंबई जाने वाली फ्लाइट से उतारकर गिरफ्तार किया था।

सर्राफा कारोबारी ने खोला सच

इलाहाबाद में 30 जून को एक घटना हुई थी। घटना के अनुसार फाफामऊ के सर्राफा व्यवसायी फूलचंद्र केसरवानी को प्रापर्टी दिखाने के नाम पर कुछ लोग नैनी के एक मकान में ले गए। उनके सामने एक लड़की पेश की और फिर वीडियो क्लिपिंग बना ली। इसके बाद उसे ब्लैकमेल करने लगे। चार लाख से अधिक रुपए वसूले भी जा चुके थे। इसके बाद डिमांड बढ़ने लगी तो व्यवसायी पुलिस की शरण में पहुंच गया तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। इस मामले में पुलिस ने लखनऊ में पकड़े गए इमरान को मुख्य आरोपी बनाया था। सिविल लाइंस थाने में दर्ज इस मामले में इमरान फरार चल रहा था।

इमरान-नूतन का कनेक्शन

नूतन और इमरान का इलाहाबाद से कोई कनेक्शन फिलहाल नहीं पता चला है। सूत्र बताते हैं कि इमरान का संदीप से परिचय था। संदीप, नूतन को लेकर लखनऊ में रहने लगा तो इमरान उसके सम्पर्क में आया। यह सम्पर्क किस हद तक चला गया था? यह इमरान ही बता सकता है क्योंकि फाफामऊ के व्यापारी के साथ हुई घटना में संदीप का नाम पुलिस ने ओपन नहीं किया था। अब तक उपलब्ध साक्ष्य तो यही कहानी कहते हैं कि नूतन की इमरान से नजदीकियों ने इस ब्लैकमेलर गैंग में फूट डाली। सूत्रों का यह भी कहना है कि लखनऊ से अब्दुल सलीम फरीदी के अपहरण और फिरौती वसूली में भी नूतन का इस्तेमाल किया गया था।

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बॉलीवुड में भी है इमरान की पकड़

इलाहाबाद के एसएसपी ने गुरुवार को इस प्रकरण का ऑफिशियल खुलासा किया। पुलिस लाइन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने रसूलपुर करैली के रहने वाले अमजद पुत्र सादिक और मो। जमील पुत्र अब्दुल हमीद को मीडिया के सामने पेश किया। उन्होंने बताया कि पूरी घटना प्लांड तरीके से अंजाम दी गई थी। एसएसपी के अनुसार लखनऊ से अपहृत जमील को रिहा करने से पहले ही नूतन की हत्या कर दी गई थी। उसे हंडिया टोल प्लाजा के पहले मारा गया था। हत्या गोली मारकर की गई थी। इसके बाद वे अपहृत को लेकर सोरांव हाईवे पर आ गए। सोरांव में अपहृत को 1500 रुपए देकर छोड़ दिया गया। इसके बाद गाड़ी में ही संदीप की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मारने के बाद वे सभी गाड़ी से हंडिया हाईवे पर आगे बढ़ गई। फ्लाईओवर से करीब दो सौ मीटर पहले संदीप का शव झाडि़यों में फेंक दिया। इसके बाद सभी गाड़ी से नैनी पहुंचे और उसे एग्रीकल्चर चौराहे से पहले मस्जिद के पास साइड में खड़ी करके कपड़ा चेंज किया और चले गए। एसएसपी के मुताबिक इमरान का बॉलीवुड कनेक्शन भी था। वह रामगोपाल वर्मा कैंप में बाउंसर के रूप में अपनी सेवाएं देता था।