- पेंशन की रकम मनरेगा से भी कम है

- बीपीसीएल कर्मियों की गुहार

NAINI ( 7Jan,JNN): केंद्र सरकार सांसदों का वेतन 50 हजार से एक लाख करने जा रही है। लेकिन राष्ट्र की उन्नति में योगदान करने वाले कर्मचारियों की सरकार अनदेखी करने में लगी है। बीपीसीएल के पूर्व कर्मचारियों को प्रति माह दो से ढाई हजार रुपए पेंशन दी रही है। महंगाई के इस दौर में कर्मचारी पेंशन की इस रकम से कैसे अपनी और गृहस्थी की गाड़ी खीचेंगे? सरकार ने इस ओर सोचना भी जरूरी नहीं समझा।

नेताओं की बैठक में विचार विमर्श

इस समस्या को लेकर गुरुवार को औद्योगिक क्षेत्र में डेज मेडिकल चौराहे पर हुई भाजपा कार्यकर्ताओं और कर्मचारी नेताओं की बैठक में गहन विचार विमर्श किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कर्मचारियों और कंपनी की गिरती स्थिति पर एक बार फिर ध्यान दिलाया जाएगा। उनसे गुजारिश की जाएगी कि महंगाई के दौर में बीपीसीएल, आईटीआई, एचसीएल और टीएसएल जैसे सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन बढ़ाई जाए।

अफसोस जनक स्थिति में कंपनियां

साथ ही राष्ट्र निर्माण में बढ़ चढ़ कर योगदान देने वाली इन कंपनियों की गिरती स्थिति को सुधारा जाए। देश के ये सभी सार्वजनिक प्रतिष्ठान जो कभी सोना उगल रहे थे। वर्तमान में इनकी स्थिति अफसोस जनक है। श्रमिक संगठनों के प्रयास के बाद भी उचित कार्यवाही नहीं हो रही है। प्रबंधन की उदासीनता के कारण इन प्रतिष्ठानों की स्थिति लगातार गिरती जा रही है।

पेंशन की रकम मनरेगा से भी कम

इलाहाबाद और फूलपुर के सांसदों के प्रयास का भी कोई सार्थक परिणाम नहीं सामने आया। कंपनी के पूर्व कर्मचारियों को पेंशन की रकम मनरेगा से भी कम है। बैठक की अध्यक्षता भाजपा श्रम प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष योगेंद्र शुक्ल ने की। जिसमें विनय तिवारी, सालिक राम पाठक, लाल बहादुर साहू, आदि उपस्थित रहे।