प्रयागराज (ब्यूरो)। यूपी टीईटी की परीक्षा जिले में अपने निर्धारित समय पर शुरू हुई। पहली पाली की परीक्षा कराने के लिए जिला प्रशासन से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी डटे रहे। लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले पेपर वायरल होने और सुबह सवा दस बजे के करीब पेपर कैंसिल किए जाने का संदेश वायरल होने लगा। जबकि सिटी के सेंटर पर परीक्षा दे रहे अभ्यर्थियों और केन्द्र व्यवस्थापकों को इसकी जानकारी नहीं हो सकी। जिसके कारण पहले पाली की परीक्षा सुचारू ढंग से हुई। परीक्षा खत्म होने के बाद सेंटर से बाहर निकलने पर जब अभ्यर्थियों को परीक्षा कैंसिल होने की सूचना मिली तो उनका गुस्सा बढ़ गया। अभ्यर्थियों ने बातचीत के दौरान बताया कि सरकार और जिम्मेदार लोगों को पहले से इस बात का अंदेशा था कि नकल माफिया पूरी ताकत लगाएंगे। ऐसे में परीक्षा की सुचिता को लेकर और अधिक कड़े कदम उठाए जाने चाहिए थे। जिससे पेपर लीक को रोका जा सके। जबकि पहले भी टीईटी परीक्षा में पर्चा लीक होने के मामले सामने आ चुके है।

रात भर हुए परेशान, उसकी भरपाई कैसे
टीईटी परीक्षा देने सिद्धार्थ नगर से आए दिनेश ने बताया कि एक दिन पहले ही प्रयागराज आ गए थे। रात में रहने के लिए लॉज और होटल में कमरों को बढ़े रेट पर मजबूरी में लेना पड़ा। सुबह भागते हुए सेंटर पहुंचे। वहां भी जाने के लिए जहां का किराया 10 रुपए था। वहां के लिए 50 रुपए खर्च करने पड़े। इसके अलावा जो परेशान हुए, वह अलग है। ऐसे में सरकार को सोचना चाहिए कि इतनी परेशानी उठाने वाले प्रतियोगियों को जब पता चलता है कि पेपर लीक हो गया और परीक्षा कैंसिल हो गई। तो उनके बारे में भी सरकारी को सोचना चाहिए।

सिद्धार्थ नगर से ही परीक्षा देने पहुंचे विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि प्रयागराज पहुंचने के लिए वह शनिवार की सुबह 8 बजे निकले थे। इतना खर्च भी हो गया। जरूरी नहीं कि प्रत्येक प्रतियोगी के पास इतना पैसा हो, कि एक ही परीक्षा के लिए वह बार-बार इतना खर्च उठा सके। ऐसे में सरकारी को इसके बारे में भी सोचना चाहिए। सरकारों को सिस्टम में सुधार करने केलिए कठोर कदम उठाने चाहिए। जिससे प्रतियोगियों का समय और पैसा दोनों बचाया जा सके।

- सुपर टेट और टीजीटी का पेपर भी लीक हुआ था। उसको तो रद्द नहीं किया। फिर इसको क्यों कर दिया।
दिनेश
- किसी तरह प्रतियोगी पैसों की व्यवस्था करके परीक्षा देने आते हैं। ऐसे में परीक्षा कैंसिल होने से उनका सबसे अधिक नुकसान होता है।
विशाल श्रीवास्तव
- परीक्षा के लिए अलग-अलग शहरों से प्रतियोगी आए थे। इतनी मेहनत करके तैयारी की और परीक्षा दी। उसके बाद परीक्षा कैंसिल होने से सारी तैयारियां बेकार हो गई।
राकेश
- पेपर रद्द होना हमारे लिए पहाड़ टूटने जैसा है। पिछले कई महीनों से तैयारी कर रहे है। अचानक से सब सपना टूट गया। पेपर आउट कराने वालों के खिलाफ सरकार को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
आरजू खान
- कठोर परिश्रम से हम परीक्षा की तैयारी करते हैं। फिर पेपर लीक हो जाए, तो दुख होता है। सरकार से विनती है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए। जिससे भविष्य में पुनरावृत्ति न हो सके।
आनंद मिश्रा
- नकल माफियाओं की वजह से परीक्षा रद्द होना दुखद है। इससे हम बहुत हताहत है। सरकार हम जैसे बेरोजगारों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फिर से नकल विहीन परीक्षा कराए।
मुशरफ
- शनिवार को ही प्रयागराज आ गए थे। पहला पेपर देने के बाद परीक्षा कैंसिल होने की सूचना मिली। अब वापस खाली हाथ जाना पड़ रहा है। फिर से नई डेट पर परीक्षा देने आना पड़ेगा। इतना खर्च सब बेकार हो गया।
राजकुमार
- यूपी टेट रद्द होने से सभी प्रतियोगियों को निराशा हुई। नकल माफिया हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ करते है। सरकार ऐसे लोगों को कठोर सजा दिलाए। जल्द परीक्षा का नया कार्यक्रम जारी हो।
आशुतोष कुमार