प्रयागराज (ब्‍यूरो)। झारखंड के जामताड़ा में बैठे साइबर क्रिमिनलों ने कस्टमर केयर अधिकारी बनकर सीबीसीआईडी के रिटायर्ड क्लर्क को ठग लिया। क्लर्क को साइबर क्रिमिनलों ने 65 लाख रुपये की चपत दी। क्लर्क के एकाउंट में ये रुपये उनके रिटायरमेंट के थे। घटना पिछले सात अप्रैल की है। साइबर थाने की पुलिस टीम ने इस मामले में दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। पकड़े गए दोनों आरोपित जामताड़ा के रहने वाले हैं। साइबर पुलिस को दोनों को पकडऩे में कई महीने लग गए। दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

लिमिट बढ़ाने के लिए किया फोन
कसारी मसारी के रहने वाले केशन लाल सीबीसीआईडी में क्लर्क थे।
मार्च 2023 में वह रिटायर हुए। उनके एकाउंट में 65 लाख रुपये था।
23 अप्रैल 2023 को केशन लाल के पास फोन आया।
फोन करने वाले कॉलर ने खुद को स्टेट बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बताया।
कॉलर ने केशन लाल से क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिए बैंक एकाउंट से संबंधित जानकारी मांगी।
केशन लाल ने कॉलर को पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी।
इसके बाद कॉलर ने केशन लाल से एनी डेस्क ऐप डाउन लोड करने के लिए कहा।
केशन लाल ने एनी डेस्क ऐप डाउन लोड कर लिया तो कॉलर ने केशन लाल से ऐप का कोड पूछा।
कोड पूछने के बाद कॉलर ने केशन लाल के मोबाइल से जरुरी डाटा एक्सेस कर लिया।

12 दिन में 65 लाख गायब
23 अप्रैल से 4 मई के बीच में साइबर क्रिमिनलों ने केशन लाल के एकाउंट से 65 लाख रुपये गायब कर दिए।
चूंकि केशन लाल के मोबाइल से पूरा बैंक डिटेल का डाटा एक्सेस हो चुका था तो एकाउंट से रुपये निकाले जाने का मैसेज भी केशन लाल को नहीं मिला।
छह मई को केशन लाल बैंक पहुंचे। वहां पता चला कि एकाउंट खाली है। केशन लाल का माथा ठनक गया।
बैंक डिटेल से पता चला कि उनके एकाउंट से 65 लाख रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं।

साइबर थाने ने शुरू की तलाश
केशन लाल ने घटना की पूरी जानकारी साइबर थाने को दी। साइबर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। पता चला कि केशन लाल के एकाउंट से साइबर क्रिमिनलों ने 13 एकाउंट में पूरे रुपये ट्रांसफर किए हैं। साइबर क्रिमिनलों ने जिन एकाउंट में रुपये ट्रांसफर किए थे, उन एकाउंट से रुपये निकाल भी लिए थे। मगर साइबर पुलिस ने जांच जारी रखी।

गैंग के सरगना समेत दो गिरफ्तार
साइबर थाने के इंस्पेक्टर राजीव तिवारी के नेतृत्व में इंस्पेक्टर मो.आलमगीर, हेड कांस्टेबिल महेंद्र प्रताप पाठक, सिपाही प्रदीप कुमार, अनुराग और सर्विलांश टीम ने झारखंड के जिला जामताड़ा के थाना कर्माटांड के कुरुवा गांव में दबिश दी। वहां से जियाउल अंसारी और शोएब अंसारी को गिरफ्तार किया। दोनों को गिरफ्तार कर पुलिस टीम प्रयागराज ले आई। यहां पर पूछताछ के बाद जो जानकारी मिली वह चौकाने वाली है।

चार गु्रप में करते हैं काम
पूछताछ में सरगना जियाउल अंसारी ने बताया कि उसने चार ग्रुप बना रखा है।
पहला ग्रुप मोबाइल सिम का इंतजाम करता है।
ये मोबाइल सिम पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, कनार्टक और तमिलनाडू से मंगाए जाते हैं।
दूसरे गु्रप का काम फोन करना होता है।
इस ग्रुप में शामिल लोग खुद को कस्टमर केयर अधिकारी बताते हैं।
तीसरा गु्रप बैंक खातों का इंतजाम करता है।
चौथा ग्रुप एकाउंट से एटीएम के जरिए रुपये निकालता है।
इस ग्रुप के लोग पश्चिम बंगाल और झारखंड के अलग अलग जिलों के एटीएम से रुपये निकालते हैं।
चारों गु्रप को कमीशन के हिसाब से रुपये दे दिए जाते हैं।
पकड़े गए दोनों आरोपितों के पास से चार मोबाइल और तीन सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।

ये केस बहुत टफ था। कई महीने से सर्विलांश के जरिए आरोपितों की लोकेशन ट्रेस की जा रही थी। एक बार नवंबर में भी दबिश दी गई थी, मगर दोनों बच निकले थे। कई दिनों से दोनों की लोकेशन उनके गांव में मिल रही थी, साइबर पुलिस टीम ने दोनों को गिरफ्तार किया है।
राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर, साइबर थाना

12 दिन में गायब हो गई एकाउंट से रकम
65 लाख रुपये गायब किए एकाउंट से
2 आरोपी जामताड़ा से गिरफ्तार
11 महीने से साइबर टीम कर रही जांच