- बच्चों के कंधे से बस्ते का बोझ हटाने के लिए सरकार ने की पहल

सीबीएसई के स्कूलों को सेंट्रल गर्वनमेंट ने जारी किया निर्देश

ALLAHABAD: आपके सीबीएसई के स्कूलों में पड़ने वाले बच्चों के कंधे से बस्ते का बोझ हटाने के लिए केंद्र सरकार ने पहल की है। अब न सिर्फ सिलेबस से किताबों की छटनी की जाएगी, बल्कि स्कूल में हर स्टूडेंट के लिए एक लॉकर की व्यवस्था भी की जाएगी। इसका लाभ आठवीं कक्षा के बच्चों को मिलेगा। इस बावत सेंट्रल गवर्नमेंट ने गाइड लाइन जारी कर सभी सीबीएसई स्कूलों को इसे फॉलो करने का निर्देश दिया है।

ताकि बच्चे न ढोएं बैग

सेंट्रल गर्वनमेंट की गाइड लाइन में बुक्स की संख्या में कमी के साथ ही स्कूल मैनेजमेंट को कैंपस में बैग रखने के लिए लॉकर कहा गया है। बता दें कि स्कूल साल दर साल बच्चों के बैग में कुछ न कुछ जोड़ते चले जा रहे हैं, इससे बस्ते के बोझ तले दबकर बच्चों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। उन्हें असमय ही कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए ही सेंट्रल गवर्नमेंट ने यह कदम उठाया है।

बच्चों के स्कूल बैग का वजन कम करने के लिए सीबीएसई की ओर से गाइडलाइन है। अब स्कूलों को बच्चों के बैग के लिए लॉकर बनाना है।

पीयूष कुमार शर्मा, रीजनल सेकेट्री, सीबीएसई बोर्ड

ये कहता है स्कूल बैग एक्ट 2006

स्कूल बैग का वजन बच्चे के वजन से 10 परसेंट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। जिसमें स्कूल बैग का वजन भी शामिल है।

नर्सरी और किंडरगॉर्डेन क्लास में स्कूल बैग नहीं होने चाहिए।

स्कूलों में क्लास 8 तक के प्रत्येक बच्चे के लिए एक लॉकर होना जरूरी है। इसमें वे अपने स्पो‌र्ट्स के सामान, बुक्स और नोटबुक्स रख सकें।

क्लास फाइव तक के बच्चों को एडवांस में यह इंफॉर्म किया जाना जरूरी है कि नेक्स्ट डे उन्हें कौन सा बुक्स लेकर आना है।

क्लास के अनुसार बैग का साइज और फैब्रिक डिसाइड करने की जिमेदारी स्कूल मैनेजमेंट की है।

बैग डबल स्ट्रैप वाला होना चाहिए और उसमें कई कपार्टमेंट होने चाहिए जो वेट को बैलेंस कर सके और जिससे स्टूडेंट के स्पाइनल कॉर्ड पर इफेक्ट न पड़े।

कनवेंस और क्लास के लिए वेट करने के लिए बैग जमीन पर रखा जाना चाहिए।

स्टूडेंट को स्कूल बैग पैक करने का तरीका बताना चाहिए। वजनदार आइटम बॉडी के नजदीक रखना चाहिए।

केंद्रीय विद्यालय संगठन के नियम

स्कूल बैग का वजन बच्चे के वजन से अधिकतम 20 परसेंट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। जिससे उनका स्पाइनल कॉर्ड मजबूत और स्ट्रेट रहे।

क्लास एक और दो में स्कूल बैग का वजन दो किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

क्लास तीन और चार में स्कूल बैग का वजन तीन केजी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

क्लास फाइव से सेवन के स्कूल बैग का वजन चार केजी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

क्लास एट से 12 तक स्कूल बैग का वजन छह केजी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

स्कूल मैनेजमेंट को बच्चों पर एक्स्ट्रा बुक्स, रिफ्रेंस बुक्स, एक्स्ट्रा नोटबुक्स, होमवर्क, क्लासवर्क व रफ नोटबुक लाने के लिए फोर्स नहीं करना चाहिए।

सीबीएसई के रूल्स

स्टूडेंट्स के ऊपर से मेंटल और फिजिकल प्रेशर कम करने के लिए सीबीएसई ने यशपाल कमेटी की रिपोर्ट और उनकी सिफारिशों का सहारा लेकर गाइडलाइंस जारी किए हैं।

स्कूलों में ऐसी व्यवस्था हो, जिससे बच्चों को घर से स्कूल बैग लाना न पड़े।

क्लास दो तक के बच्चों को होमवर्क बिल्कुल न दिया जाए।

सीसीई के तहत पढ़ाई कराई जाए। जिससे पास-फेल का क्राइटेरिया और बुक्स व नोटबुक्स ढोने का सिस्टम ही खत्म हो जाए।

बस ऑर्डर पर ऑर्डर

स्कूल बैग एक्ट में जो भी गाइडलाइंस हैं वे सभी बोर्ड के स्कूलों को फॉलो करनी है। जिसे इंप्लीमेंट कराने के लिए स्टेट गवर्नमेंट, लोकल बॉडीज और स्कूल्स को रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन की गाइडलाइंस सभी केंद्रीय विद्यालयों को लागू करनी है। सीबीएसई ने जो गाइडलाइंस जारी की है उसे सभी एफिलिएटेड स्कूल्स में फॉलो करने के निर्देश हैं।

विदेशों में ऐसा है सिस्टम

अधिकांश देशों के स्कूलों में स्कूल बैग लाने की साफ मनाही है। वहां के स्कूल्स में सभी स्टूडेंट को सेप्रेट लॉकर प्रोवाइड किया जाता है। इसमें स्टूडेंट्स अपनी बुक्स और नोटबुक्स रखते हैं। वहीं कुछ कंट्रीज ने स्कूल बैग का वजन स्टूडेंट के वजन से करीब 14 परसेंट अधिक न होने के साफ डायरेक्शंस जारी कर रखे हैं। जिससे बच्चों पर बस्ते का बोझ नहीं रहता है। अब सेंट्रल गवर्नमेंट ने भी इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है।