कोरोना जैसी वबा को देखते हुए सभी से सादगी के साथ ईद मनाने की अपील

कोरोना से पूरा देश परेशान है। इसके चलते इस बार ईद पर पूरी सादगी के साथ उसे मनाने की अपील की जा रही है। साथ ही खुदा से इस वबा से सभी को बचाने की दुआ करने के लिए अपील हो रही है। लेकिन ईद पर भी कई सुन्नते शरियत में बतायी गई है। जिनका पालन करना सभी के लिए जरूरी है। खतीब हटिया मस्जिद के मौलाना नादिर हुसैन बताते है कि हदीश शरीफ में आता है कि जिस तरह रमजान शरीफ में अल्लाहताला की रहमत अपने बंदों पर बरसा करती है। उसी तरह ईद के दिन और उसकी रात में भी अल्लाहताला का अपने बंदों पर खास करम होता है। उस दिन और रात अल्लाहताला अपने बंदों की दुआएं भी कबूल फरमाता है। बुर्जुगों का यह तरीका रहा है कि ईद के दिन अल्लाहताला की रजाजोई में गुजारा करते थे। लिहाजा सभी मुसलमानों को चाहिए कि कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार की गाइड लाइन का पालन करते हुए ईद की पर्व मनाए।

गरीबों का रखें खास ख्याल

मौलाना नादिर हुसैन फरमाते है कि ईद पर लोग अपने आस-पास गरीब पड़ोसी, रिश्तेदार का खूब ख्याल रखें। नमाज ए ईद के बाद इस महामारी के खात्मे के लिए अपने रब से दुआ करें। आपसी भाईचारे को बरकरार रखते हुए त्योहार को अमन और शांति के साथ मनाए। खासकर अपने मुल्क की सलामती की दुआ करें। अपने घर के मरहूमीन के लिए खूब इसाले सवाब करें।

ईद के दिन का खास तोहफा

मालौना नादिर हुसैन बताते है कि जो शक्स नमाज ए ईद से फारिग होकर 313 मर्तबा शुभानअल्लाही वबेहमदही पढ़कर इसका सवाब पूरी दुनिया के मरहूम मुसलमानों के नाम करेगा। अल्लाहताला इसकी बरकत से मरहूम लोगों की कब्र में एक हजार नूर दाखिल करेगा। साथ ही पढ़ने वाला जब इस दुनियां से जाएगा तो उसकी कब्र में भी एक हजार नूर दाखिल किया जाएगा।

ईद की ये हैं सुन्नते

- गुस्ल करना

- नए या साफ सुथरे कपड़े पहनना

- इत्र लगाना

- सुरमा लगाना

- ईदगाह या मस्जिद में एक रास्ते से जाना और दूसरे रास्ते से वापस आना

ईद पर सभी मुसलमानों को चाहिए की वह शरीयत में दी गई सुन्नतों को पूरा करें। साथ ही इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए खुदा से दुआ करें कि यह देश से जल्द खत्म हो।

मौलाना नादिर हुसैन

खतीब हटिया मस्जिद