- नागपंचमी पर शहर के अखाड़ों मचती है कुश्ती की धूम

- दारागंज व्यायामशाला में आयोजित हुई दंगल प्रतियोगिता

ALLAHABAD: नाग पंचमी सिर्फ एक त्योहार नहीं है। यह युवाओं में उनके फिजिकल फिटनेस और फाइटिंग स्पिरिट शो करने का माध्यम भी है। सावन में इस खास पर्व पर शहर के अखाड़ों में आयोजित होने वाला दंगल इसका उदाहरण है। सालों से ये अखाड़े शहर की गंगा-जमुनी तहजीब की इस अनोखी परम्परा को जिंदा रखे हुए हैं। जहां नागपंचमी के दिन सिर्फ शहर ही नहीं बल्कि आस-पास के एरिया से आए पहलवान कुश्ती के दांवपेंच दिखाकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।

लोगों में दिखता है गजब का जुनून

शहर के पुराने एरिया में शामिल दारागंज के प्राचीन अखाड़ा रघुनाथदास व्यायामशाला में फ्राइडे को एक अजीब सा जुनून देखने को मिला। दूर-दराज से आए जूनियर व सीनियर ग्रुप के फ्7 पहलवानों ने यहां आयोजित दंगल में अपने टैलेंट का बखूबी प्रदर्शन किया। बजरंगबली की आराधना के बाद शुरू हुआ दंगल कई घंटे तक चला। देश की आजादी के बाद से इस अखाड़े में साल दर साल नागपंचमी के दिन दंगल का आयोजन एक परम्परा के रूप में किया जाता रहा है। इस बार के दंगल में शामिल होने के लिए बिहार के पहलवान भी शामिल हुए।

पहलवानों का हुआ स्वागत

प्रयाग राज सेवा समिति और प्रकाश पहलवान की अगुवाई में आयोजित हुए दंगल में फेमस पहलवान प्रकाश पहलवान व राजबहादुर पहलवान का अंगवस्त्रम्, तिलकार्चन व माल्यापर्ण से स्वागत किया गया। दंगल के जूनियर ग्रुप में शुभम्, अंकित, नितिन, अमन, विमल ने जोरदार प्रदर्शन से लोगों को हैरत में डाल दिया। वहीं सीनियर वर्ग में डब्लू पहलवान विजेता घोषित किए गए। मुंगेर बिहार से आए सानू दूबे के प्रदर्शन की भी दंगल में मौजूद लोगों ने जमकर तारीफ की। सुभाष पहलवान और हरिओम चौरसिया ने भी अपने दांवपेच से लोगों को रोमांचित कर दिया। पुराने एरिया में शुमार लोकनाथ स्थित लोकनाथ व्यायामशाला में भी नागपंचमी पर कई सालों से दंगल का आयोजन होता है। दंगल के आयोजन समिति के मेंबर रविन्द्र पाण्डेय ने बताया कि कुछ साल पहले तक शहर में कई अखाड़ों में नागपंचमी के मौके पर दंगल की इस परंपरा का निर्वाह किया जाता था, लेकिन अब इनकी संख्या घटकर चार से पांच रह गई है। इनमें सबसे बड़ा लोकनाथ व्यायामशाला है.कल्याणी देवी एरिया में भी दंगल का आयोजन हुआ।

सर्पो का हुआ भव्य श्रृंगार

नाग पंचमी पर अतरसुइया दुर्गा पूजा पार्क स्थित पीपल देव सिद्द बालरूप हनुमान मंदिर में पीपलेश्वर महादेव का जीवित नाग व सर्पो से भव्य श्रृंगार किया गया। इसके दर्शन के लि बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे.नागपंचमी पर सिटी में कई स्थानों पर मेले का आयोजन भी होता है। इसमें गुडि़या तालाब व नागवासुकी मंदिर के पास विशेष रूप से लोग मेले का लुत्फ उठाते हैं। नागवासुकी में लगने वाले मेले में बच्चों ने खूब मस्ती की। इस दौरान प्रयागराज सेवा समिति की ओर से अभियान चलाकर संगम को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा देने की मांग की गई.खुल्दाबाद के गुडि़या तालाब में आयोजित हुए गुडि़या के मेले में बच्चों ने जमकर धूम मचाई। बच्चों ने मेले में कई प्रकार के झूलों का आनंद लिया।