सीआरबी बोले, ट्रैक रिन्यूअल प्रायोरिटी, मेंटीनेंस के लिए दिया जाएगा ब्लाक

अश्वनी लोहानी ने कहा, सेफ्टी मेजर्स पर अब ज्यादा कंसंट्रेशन

ALLAHABAD: दिल्ली- हावड़ा रूट हो या अन्य रूट, लाइनें काफी पुरानी हो चुकी हैं। मरम्मत पर टाइम वेस्ट करने के स्थान पर इन्हें बदल देने पर फोकस किया जाएगा। अभी तक पंक्चुअलिटी और रेल संचालन पर रेलवे का अधिक फोकस था। अब ट्रैक मेंटीनेंस पर फोकस किया जाएगा। चेयरमैन रेलवे बोर्ड अश्रि्वनी लोहानी ने मीडिया से बातचीत में ये बातें कहीं। वह शनिवार को इलाहाबाद के दौरे पर आए थे।

पिछले दिनों कई दुर्घटनाएं हुई, अब क्या है तैयारी?

सीआरबी: रेलवे में सेफ्टी सबसे अहम मुद्दा है। बीच में कुछ हादसे जरूर हुए हैं, लेकिन ओवरआल देखें तो पिछले अप्रैल से अब तक घटनाएं कम हैं। ये भी सही है कि हाल में घटनाएं हुई हैं। इससे सेफ्टी पर सवाल खड़े हुए हैं। अब इसे ठीक करने के लिए जो भी बन पड़ेगा, किया जाएगा। मेजर फैसला ये लिया गया है कि हम इंश्योर करेंगे कि ट्रैक मरम्मत के लिए जितने भी टाईम की जरूरत पड़ती है दिया जाएगा। जहां पटरी बदलने की जरूरत है वहां बदला जाएगा।

क्या जरूरी निर्देश दिए गए हैं?

सीआरबी: अभी कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। अभी देखा जा रहा है कि क्या-क्या निर्देश रेलवे बोर्ड की ओर से जारी किए जाने और देने की आवश्यकता है। सेफ्टी सबसे अहम है, ये सबको बताया जा रहा है। विजिट का मकसद भी यही है।

दुर्घटनाओं के पीछे के कारण क्या हैं?

सीआरबी: हाल में जो दो तीन घटनाएं हुई हैं, उनकी इंक्वायरी चल रही है। सीआरएस इंक्वायरी कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट आ जाएगी, तभी कुछ कहा जा सकता है। साजिश के संबंध में कुछ भी कहना मुश्किल है। हमारा प्रयास यही होगा कि ट्रैक सुदृढ़ और सुचारू हों।

गतिमान और हाईस्पीड ट्रेन कैसे चलाएंगे? क्या दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रैक 120-150 की स्पीड से ट्रेन चलाने लायक है?

जवाब जीएम एनसीआर एमसी चौहान ने दिया। उन्होंने कहा कि 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दिल्ली-हावड़ा रूट पर राजधानी एक्सप्रेस दौड़ रही है। 160 किलोमीटर तक स्पीड बढ़ाने के लिए वर्क हुआ है, काम होगा तो स्पीड बढ़ाई जाएगी। 130 किलोमीटर के लिए रेल पटरी बिल्कुल फिट है।