-यूपी बोर्ड ने 12वीं की हिन्दी विषय की किताबों में बदले कई पाठ
-मोहन राकेश और अज्ञेय की रचनाओं को हटाया
यह हुआ है परिवर्तन
1. सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन 'अज्ञेय' की रचना सन्नाटा की जगह पं। दीनदयाल उपाध्याय की 'सिद्धांत और नीति' के संपादित अंश
2. मोहन राकेश की 'आखिरी चट्टान' के स्थान पर डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम के तेजस्वी मन से 'हम और हमारा आदर्श' के संपादित अंश
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ALLAHABAD: सूबे में सत्ता परिवर्तन के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी बदलाव साफ दिखाई देने लगा है। यूपी बोर्ड में नए सत्र से एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को अपनाने के साथ ही विषयों के पाठ्य सामग्री में भी कई बदलाव किए गए है। यूपी बोर्ड की किताबों में हुए खास बदलाव के क्रम में 12वीं की हिन्दी की किताब में इस बार पुराने पाठ को बदलते हुए उसके स्थान पर नई रचनाओं को शामिल किया गया है। सबसे बड़ा परिवर्तन अज्ञेय की रचना 'सन्नाटा' हटाकर इसके स्थान पर पं। दीन दयाल उपाध्याय की रचना 'सिद्धान्त और नीति' को शामिल किया गया है। इसमें बच्चों को प्रगति के मानदंड, एकात्म मानववाद, आवाह्न को शामिल किया गया है।
कलाम की सोच से रूबरू होंगे स्टूडेंट्स
मिसाइल मैन के नाम से पहचाने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम की सोच को पढ़ने और उससे रूबरू होने का मौका भी नई किताब में बच्चों को मिलेगा। इससे आधुनिक भारत का सपना देखने और उसको बनाने में अपना योगदान देने वाले डॉ। कलाम की रचना 'हम और हमारा आदर्श' को शामिल किया गया है। मोहन राकेश की रचना 'आखिरी चट्टान' के स्थान पर इसे शामिल किया गया है। इस पाठ को शामिल करके डॉ। कलाम के वैज्ञानिक सोच और जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण को भी छात्रों तक पहुंचाना मुख्य उद्देश्य है।
जीवन को सही प्रकार जीने की कला को प्रदर्शित करती हुए पं। दीन दयाल की रचना और डॉ। कलाम की रचना को शामिल किया गया है। इससे छात्र उन रचनाओं से प्रेरणा ले सकेंगे।
-नीना श्रीवास्तव
सचिव, यूपी बोर्ड