माध्यमिक शिक्षा के डायरेक्टर पर विभाग के लोगों ने उठाए सवाल

अनुदान सूची में नाम शामिल करने के लिए विद्यालयों से वसूली का लगा आरोप

ALLAHABAD: सूबे के संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने कई स्कूलों को अनुदान जारी करने की व्यवस्था की थी। शासन के इस आदेश के बाद अनुदान हासिल करने वाले स्कूलों की सूची बनाते समय भी कमीशन का खुला खेल चला। इसमें माध्यमिक शिक्षा के डायरेक्टर अमर नाथ वर्मा और प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेन्द्र कुमार पर भी अंगुलियां उठने लगीं। शिक्षा निदेशालय के ही कई कर्मचारियों ने दोनों अधिकारियों पर अनुदान सूची में नाम शामिल करने के लिए लाखों रुपए लेने का आरोप लगाया। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल समेत सूबे के अन्य कई कैबिनेट मंत्रियों से शिकायत की है।

डेढ़ लाख रुपए प्रति विद्यालय था रेट

शासन को डायरेक्टर माध्यमिक शिक्षा एवं प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा द्वारा वसूली किए जाने को लेकर भेजे गए शिकायती पत्र में शिक्षा निदेशालय मिनिस्ट्रीरियल कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया है कि संस्कृत विद्यालयों को अनुदान देने के लिए सूबे में दो चरणों में विद्यालयों का सलेक्शन किया गया। पहले चरण में 77 व दूसरे चरण में 29 संस्कृत विद्यालयों की सूची तैयार की गई। कुल मिलाकर 106 स्कूलों का चयन अनुदान के लिए किया गया। इस दौरान डेढ़ लाख रुपए प्रति विद्यालय से वसूल किए गए। जिन स्कूलों ने पैसे देने से मना किया उन्हें जांच के दायरे में रखते हुए विभिन्न कमियां निकालकर परेशान किया गया।