मिर्जापुर जेल में शिफ्ट हो जाने के कारण पेश नहीं हो सके करवरिया बंधु

नाराज कोर्ट ने दिखायी सख्ती नैनी जेल अधीक्षक से मांगी आख्या

ALLAHABAD: नैनी जेल में मंगलवार को अचानक छापेमारी के बाद प्रशासन ने बुधवार को यहां निरुद्ध करवरिया बंधुओं को आनन-फानन में मिर्जापुर जेल शिफ्ट करा दिया। तीनों भाइयों की शिफ्टिंग से पहले प्रशासन ने कोर्ट से अनुमति लेने की कोशिश नहीं की, जबकि तीनों भाई जवाहर पंडित हत्याकांड के आरोपी हैं और कोर्ट में इसका ट्रायल भी चल रहा है। मिर्जापुर जेल शिफ्ट हो जाने के कारण गुरुवार को कपिल, उदयभान या सूरजभान करवरिया में से कोई भी कोर्ट के सामने पेश नहीं हो सका। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए जेल अधीक्षक नैनी को आठ फरवरी से पहले आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

बीस माह से जेल में बंद

मामले में कोर्ट में आरोपीगण की ओर से दी गयी अर्जी में कहा गया है कि वे 20 महीने से जेल में निरुद्ध हैं। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट का निर्देश है कि इस मुकदमे का ट्रायल आठ माह में पूरा किया जाए, जिसकी अवधि बीत चुकी है। कोर्ट ने आरोपियों को अपने बचाव में गवाह पेश करने का आदेश दिया है। गवाह भी मौजूद हैं, लेकिन गवाहों को डराया, धमकाया जा रहा है। यह कार्य सत्ताधारी राजनैतिक पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हुए लोग कर रहे हैं।

राजनीतिक दबाव में शिफ्टिंग

इधर इसी क्रम में राजनीतिक दबाव के कारण प्रशासनिक अधिकारियों ने मनगढ़ंत आरोप बनाकर कपिल मुनि करवरिया, उदयभान और सूरजभान करवरिया को एक फरवरी को नैनी जेल से अवैधानिक तरीके से मिर्जापुर जेल स्थानांतरित किया गया है, जबकि बगैर न्यायालय की अनुमति लिए विचाराधीन बंदियों को एक जेल से दूसरे जेल में नहीं भेजा जा सकता है। ऐसी स्थिति में प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए आदेश दिया जाए कि प्रत्येक सुनिश्चित तिथि पर आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाए। न्यायालय ने आरोपियों के अधिवक्ता के तर्को को सुनने के बाद जेल अधीक्षक नैनी से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ ही प्रत्येक तिथि पर आरोपियों को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया।