- गंगा की लहरों से जहां पर टूटा था सुरक्षा बांध, वहां नहीं हुई मरम्मत

- 2013 में सेना ने किया था रेस्क्यू, साल भर बाद भी एक कदम आगे नहीं बढ़ से अधिकारी

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: इलाहाबादियों को ख्भ् अगस्त ख्0क्फ् की खौफनाक सुबह शायद ही भूले। तेज प्रवाह के साथ उफनाती गंगा की लहरों ने तबाही ख्00फ् और क्978 का रिकार्ड ही नहीं तोड़ा बल्कि सलोरी एसटीपी के रिंग बंधे को भी तोड़ दिया। इससे करोड़ों की लागत से बना एसटीपी जलमग्न हो गया और पानी सीधे बक्शी बांध पर बने स्लूज गेट के जरिए शहर में दाखिल होने लगा था। हालात बेकाबू होते देख एडमिनिस्ट्रेशन ने रेस्क्यू के लिए सेना के जवानों बुलाया। जवानों ने अपनी जिंदगी को दांव पर लगा कर लाखों इलाहाबादियों की जान बचाई। मशक्कत के बाद प्लास्टिक की बोरी और बल्ली लगाकर स्लूज गेट को बंद किया।

बरकरार है खतरा

पिछले साल सलोरी एसटीपी के जिस रिंग बंधे में दरार आई और पानी के दबाव से रिंग बंधे का जो हिस्सा टूटा था वह आज भी वैसा ही है। उसकी मरम्मत नहीं हुई है। फौरी तौर पर सेना के जवानों ने जो मरम्मत की थी, उसी के बल पर सलोरी एसटीपी के रिंग बांध का टूटा हुआ हिस्सा खड़ा है। अधिकारियों ने साल भर बाद भी इसकी मरम्मत प्रॉपर ढंग से नहीं कराई है.बारिश का मौसम आने वाला है। ऐसे में यदि पिछले साल जैसा माहौल बना तो शहर फिर खतरे में होगा।

दरारें कर रहीं संभावित खतरे से एलर्ट

आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने सलोरी एसटीपी के रिंग बंधे की रियलिटी चेक की। बंधे पर चहलकदमी के दौरान पता चला कि बंधे के बीच में और किनारे पर कई दरारें दिखाई दीं। मानसून को लेकर एडमिनिस्ट्रेशन की तैयारी केवल मिट्टी फेंकने तक सीमित है। बालू का उपयोग किए जाने से रिंग बंधे पर जहां दरार आई थी वो दरारें केवल मिट्टी डाल कर ढक दी गई थीं। जिस स्थान पर रिंग बंधा टूटा था वहां सबसे ज्यादा खतरा दिखाई दिया। क्योंकि यह स्थान काफी संकरा हो गया है।

तो क्या बरसात में करेंगे मरम्मत

बाढ़ खंड सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जेपी वर्मा का कहना है कि उन्हें खतरे का अंदेशा है। वे सलोरी एसटीपी के टूटे हुए स्थान की मरम्मत कराएंगे। लेकिन सवाल यह उठता है कि कब? बरसात शुरू होने में अधिक दिन नहीं बचा है। जिस काम को बरसात से पहले पूरा हो जाना चाहिए था, वो काम क्या अब पूरा हो पाएगा।

इन्होंने उठाई आवाज

अलोपीबाग के पूर्व पार्षद और राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के मेम्बर कमलेश सिंह ने सलोरी एसटीपी के रिंग बंधे पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए कई बार आवाज उठाई। उन्होंने तहसील दिवस में पत्र दिया। अधिकारियों से मिल कर ज्ञापन सौंपा। लोकल स्तर पर कोई पहल न होने उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा है। अब देखना है कि उनका यह प्रयास कितना रंग लाएगा।

-सलोरी एसटीपी का रिंग बंधा जिस स्थान पर टूटा था, उसकी नए सिरे से मरम्मत कराई जाएगी। बांध के क्षतिग्रस्त हुए स्थान को काटा जाएगा। मिट्टी निकाली जाएगी और बालू की बोरियों व बल्लियों को वहां से हटाया जाएगा। अभी मिट्टी डाली गई है। आगे का काम चार-पांच दिनों में काम शुरू होगा।

जेपी वर्मा, अधिशासी अभियंता

बाढ़ खंड सिंचाई

इनके सिर पर मंडरा रहा खतरा

- अल्लापुर, तिलक नगर, बाघम्बरी रोड, बालसन, मेडिकल कॉलेज चौराहा, सोहबतियाबाग, तुलारामाबाग, टैगोर टाउन, जार्ज टाउन आदि

- करीब भ्0 हजार घरों पर आ सकता है संकट

- ढाई लाख से अधिक की आबादी होगी प्रभावित