धारा 144: 'नियम' या 'मजबूरी'

-धारा 144 पर टिकी है शहर की कानून व्यवस्था

-जनवरी से अगस्त तक बिना निषेधाज्ञा के बीतेंगे सिर्फ 13 दिन

-निशेधाज्ञा को न सरकारी कर्मचारी नोटिस ले रहे, न कर्मचारी और न ही छात्र

-राजनीतिक दल रोज दिखा रहे हैं आचार संहिता को ठेंगा

<धारा क्ब्ब्: 'नियम' या 'मजबूरी'

-धारा क्ब्ब् पर टिकी है शहर की कानून व्यवस्था

-जनवरी से अगस्त तक बिना निषेधाज्ञा के बीतेंगे सिर्फ क्फ् दिन

-निशेधाज्ञा को न सरकारी कर्मचारी नोटिस ले रहे, न कर्मचारी और न ही छात्र

-राजनीतिक दल रोज दिखा रहे हैं आचार संहिता को ठेंगा

vineet.tiwari@inext.co.in@inext.co.in

ALLAHABAD: vineet.tiwari@inext.co.in@inext.co.in

ALLAHABAD: सिस्टम लाचार है। उसका कोई काम निशेधाज्ञा के बिना नहीं चलता। लेकिन, बड़ी प्राब्लम यह है कि इसे लागू करने के बाद नियम फॉलो करवाने का उसके पास कोई इंतेजाम नहीं है। नतीजा इस साल के अब तक सभी दिन निषेधाज्ञा यानी धारा क्ब्ब् लागू होने के बीच बीते हैं और कोई दिन शायद ही ऐसा बीता हो जब कुछ न कुछ हुआ न हो। इसके बाद भी निषेधाज्ञा के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई के मामले अंगुली पर गिनने भर के भी नहीं हैं। अब जब सिस्टम ही इसे लागू करने का कोरम पूरा करने पर उतर आया है तो भला पब्लिक क्या करेगी। उसने भी इसकी ऐसी-तैसी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

जानेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे

मौजूदा साल ख्0क्ब् धारा क्ब्ब् के लिए जाना जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। प्रशासन ने शहर में शांति-व्यवस्था कायम रखने के नाम पर हर कदम पर इसका इस्तेमाल किया है। वह एक या दो महीने नहीं बल्कि जनवरी से अगस्त मंथ तक जोड़ें तो ख्ब्0 दिनों में से ख्ख्7 दिन शहर में निषेधाज्ञा लागू रहेगी। कागजों में इस बीच सिर्फ सात दिन ही सामान्य रहे। हाल ही में प्रशासन ने एक जुलाई से ख्भ् अगस्त तक एक बार फिर भ्भ् दिनों के लिए धारा क्ब्ब् लागू कर दी है। कुल मिलाकर इस साल पांच बार इस धारा का इस्तेमाल किया जा चुका है।

ख्0क्ब् में कब-कब लगी निषेधाज्ञा

क्- ख्म् दिसंबर ख्0क्फ् से क्0 फरवरी ख्0क्ब् तक

ख्- क्भ् फरवरी ख्0क्ब् से क्0 अप्रैल ख्0क्ब् तक

फ्- क्क् अप्रैल ख्0क्ब् से ख्0 मई ख्0क्ब् तक

ब्- ख्ख् मई ख्0क्ब् से फ्0 जून ख्0क्ब् तक

भ्- एक जुलाई ख्0क्ब् से ख्भ् अगस्त ख्0क्ब् तक

निषेधाज्ञा मानता कौन है

नियमों पर जाएं तो धारा क्ब्ब् के लागू रहते बिना प्रशासनिक सहमति के चिडि़या भी पर नहीं मार सकती। इस धारा की नियमावली इतनी कठोर है कि शत-प्रतिशत पालन होने पर पब्लिक चैन की नींद ले सकती है। बावजूद इसके मनमानी करने वालों पर कानून-कायदों का कोई असर नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर एक जुलाई से लगी निषेधाज्ञा के पहले दिन ही शहर में राजनीतिक दलों ने कानून का जमकर माखौल उड़ाया। इनके खिलाफ पुलिस या प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। आप भी जान लीजिए क्या हुआ दो दिनों में-

एग्जाम्पल एक- एक जुलाई को सिविल लाइंस चौराहे पर भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने सीएम अखिलेश यादव का पुतला फूंका। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच पुतले को लेकर जमकर छीना-झपटी भी हुई।

एग्जाम्पल दो-इसी दिन सिविल लाइंस चौराहे पर समाजवादी लोहिया के कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में एकत्र होकर पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका। इस दौरान दर्जनों की संख्या में लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

एग्जाम्पल तीन-एक जुलाई की ही रात इंडियन प्रेस चौराहे पर छात्रों के दो गुटों के बीच खुलेआम बमबाजी हुई। दोनों ओर से जमकर हुई मारपीट में सीएमपी छात्रसंघ अध्यक्ष सहित दो छात्र घायल हो गए। इस मामले में पुलिस कार्रवाई करने सीएमपी पहुंची तो उग्र होकर छात्रों का समूह थाना फूंकने पहुंच गया।

एग्जाम्पल चार-दो जुलाई की सुबह सपाईयों ने एक बार फिर झूंसी में गोरखपुर से इलाहाबाद आ रही चौरा-चौरी एक्सप्रेस को रोक कर प्रदर्शन किया। इस दौरान ट्रेन काफी देर ट्रैक पर खड़ी रही।

क्या है धारा क्ब्ब्

-किसी भी सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति पांच या इससे अधिक लोग एक साथ एकत्र नहीं होंगे।

-सिर्फ परीक्षार्थियों, विवाह समारोह, शव यात्रा व धार्मिक उत्सव पर निषेधाज्ञा लागू नहीं होगी।

-कोई भी व्यक्ति बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के अनशन, धरना या प्रदर्शन नहीं करेगा।

-कोई भी व्यक्ति लाठी, डंडा, बल्लम, स्टिक या किसी प्रकार का घातक अस्त्र, आग्नेयास्त्र लेकर नहीं चलेगा

-लाइसेंसी शस्त्र लेकर कार्यालय प्रवेश पर भी मनाही है।

-बिना अनुमति जुलूस निकालने या चक्काजाम करने नहीं दिया जाएगा।

-बिना अनुमति तेज आवाज के पटाखे बजाने, बेचने पर प्रतिबंध रहेगा।

-किसी समुदाय-सम्प्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले उत्तेजनात्मक भाषण या विज्ञापन पर भी रोक।

-बिना अनुमति लाउडस्पीकर, डीजे आदि का प्रयोग वर्जित। इनका उपयोग अनुमति के साथ सुबह छह बजे से रात क्0 बजे के बीच किया जा सकेगा।

-परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों के उपयोग व इसकी सहायता करने पर रोक।

-परीक्षा केंद्र से दो सौ गज की दूरी पर पांच या इससे अधिक लोग इकट्ठे नहीं होंगे।

-शादी-बारातों में शौकिया शस्त्र प्रदर्शन पर रोक।

-एक बार में अधिकतम म्0 दिनों तक लगाई जा सकती है धारा।

क्या है सजा का प्रावधान

निषेधाज्ञा का उल्लंघन होने पर धारा क्88 के तहत दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इसमें अधिकतम छह महीने का कारावास या एक हजार रुपए जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है। उल्लंघन के अलावा जिस अपराध में लिप्त पाए जाएंगे, उसके तहत भी कार्रवाई भी होती है। जैसे लाइसेंस लेकर खुलेआम घूमने पर उसके लाइसेंस कैंसिलेशन की कार्रवाई भी होगी।

रमजान, श्रावण मास की शुरुआत, संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं को देखते हुए साम्प्रदायिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा क्ब्ब् लगाई गई है। शरारती तत्वों को चिंहित नहीं किया जा सकता। ऐसे में प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया है।

-एसके शर्मा, एडीएम सिटी