प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज- क्या महाकुंभ में चौफटका पुल का इस्तेमाल आम जनता कर सकेगी। यह बहुत बड़ा सवाल बन सकता है। क्योंकि अब महज 11 माह बचे हैं और जिस तरह से इस पुल का काम चल रहा है, वह वाकई चिंता की बात है। मामला यह है कि पुल को चौफटका की ओर से चालू करने के लिए सेना की जमीन की दरकार है लेकिन यह जमीन अभी तक मिली नही है। क्योंकि इसके बदले में शासन को 74 करोड़ रूपए अदा किए जाने हैं। इस कारण से चौफटका की तरफ पुल का काम अभी भी अधर में पड़ा हुआ है।

ध्वस्तीकरण के लिए भी चाहिए पैसा

इतना ही नहीं पुल निर्माण की जद में आ रहे लगभग 10 मकान और एक गेस्ट हाउस को प्रशासन की तरफ नोटिस जारी किए जाने के बाद भी अब तक ध्वस्त नहीं किया जा सका है। इसके लिए भी 15 करोड़ रुपए की दरका है। साथ ही लेखपाल की उपलब्धता भी जरूरी है। बता दें कि इस समय आरओबी का काम सूबेदारगंज की ओर से चालू किया गया है जबकि चौफटका की ओर से एक भी कुदाल नही चली है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह पुल शायद ही महाकुुभ से पहले शुरू हो सके।

समिति ने दे दी है मंजूरी

जानकारी के मुताबिक जिसमें चौफटका की तरफ पुल निर्माण की जद में आ रही सेना की 14 हजार स्क्वायर मीटर जमीन के लिए 74 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाना है। 19 नवंबर 2023 को व्यय वित्त समिति ने बजट को मंजूरी दे दी। जिसके बाद शासनादेश बाकी रह गया था। वहीं महाकुंभ 2025 के दौरान पुल की महत्वता को देखते हुए सेतु निगम ने कुंभ मेला अधिकारी के निर्देश पर इस निर्माण सूबेदारगंज की तरफ से शुरू कर दिया।

कितना काम का है पुल

चौफटका आरओबी पब्लिक के लिहाज से काफी काम का साबित हो सकता है। क्योंकि कानपुर की ओर से आने वाली पब्लिक को कौशांबी या एयरपोर्ट जाने के लिए शहर की ओर नही जाना होगा। यह पब्लिक सीधे इस पुल से होकर निकल जाएगी। इससे रश काफी कम होगा और लोगों को आराम भी मिलेगा। खासकर हाईकोर्ट की ओर से होने वाले ट्रैफिक पर भी लगाम लगेगी। महाकुंभ मेें इस पुल की वजह से लोगों को काफी फायदा भी हो सकता था। इतना ही नही इस पुल का काम चौफटका की ओर से शुरू करने के लिए कई मशीनों को किराए पर लिया गया है। इसका हर माह लाखों रुपए बेमतलब किराए में खर्च हो रहा है।

पुल का काम शुरू करा दिया गया है। सूबेदागंज से यह काम शुरू हो चुका है। सेना की जमीन के लिए शासनादेश का इंतजार किया जा रहा है। इसके आते ही दोनेां ओर से काम की शुरुआत करा दी जाएगी।

मनोज अग्रवाल, मुख्य परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम, प्रयागराज