-प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए सरकार का खास तोहफा

-एक बार अपलोड करें डाक्यूमेंट, बार-बार उठाएं सुविधा का लाभ

 

ALLAHABAD: वैसे तो लॉकर बैंक में होते हैं, जिसमें आप बहुमूल्य चीजों को सहेजकर रखते हैं। अब सरकार ने प्रतियोगी स्टूडेंट्स को ऐसी फैसेलिटी प्रोवाइड कराई है, जिसके जरिये वे मार्कशीट और सर्टिफिकेट ऑनलाइन एक ही जगह सहेजकर रख सकते हैं। यह ऐसी व्यवस्था है, जिसमें अभ्यर्थियों को बार-बार डाक्यूमेंट अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है। वे एक बार अपने डॉक्यूमेंट अपलोड कर किसी भी परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन के साथ उसे अटैच कर सकते हैं।

 

अलग अलग भर्ती बोर्ड हैं शामिल

नेशनल इन्फार्मेटिक सेंटर यूपी स्टेट यूनिट लखनऊ प्रदेश में स्थापित अलग अलग भर्ती बोर्ड और आयोगों से जुड़ी भर्ती परीक्षाओं के ऑनलाइन आवेदन समेत अन्य कार्यो को संपादित करता है। यूपी एनआईसी की वेबसाइट से विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के लिये आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को वेबसाइट पर ई लॉकर की सुविधा दी गई है। वेबसाइट पर इसका लिंक अपलोड डाक्यूमेंट ऑन योर ई लॉकर के नाम से दिया गया है।

 

आवेदन के साथ करें अटैच

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में टीचर्स रिक्रुटमेंट सेल के डायरेक्टर प्रो। अनुपम दीक्षित ने बताया कि यूपी एनआईसी की वेबसाइट से आवेदन करने वाले अभ्यर्थी ई लॉकर लिंक पर जाकर अपने डाक्यूमेंट को अपलोड कर सकते हैं। एक बार यह प्रक्रिया कर लेने का लाभ यह होगा कि फिर भविष्य में किसी भी भर्ती के लिये आवेदन करने वाले व्यक्ति को दोबारा सर्टिफिकेट, रिजल्ट, कास्ट सर्टिफिकेट, रेसिडेंस सर्टिफिकेट आदि अपलोड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे सीधे ई लॉकर में अपलोड डाक्यूमेंट को नये आवेदन के साथ अटैच कर सकते हैं।

 

ये जुड़े हैं यूपी एनआईसी से

उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन इलाहाबाद

सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद

उत्तर प्रदेश सबआर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन बोर्ड

यूपी पुलिस रिक्रुटमेंट एंड प्रमोशन बोर्ड

नेशनल हेल्थ मिशन डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर

स्पोर्ट एंड यूथ वेलफेयर डिपार्टमेंट

यूपी सेकेंडरी एजुकेशन सर्विसेस सेलेक्शन बोर्ड

 

वर्जन

हर जगह डाक्यूमेंट की हार्ड कापी ले जाना पॉसिबल नहीं है। ऐसे में ई लॉकर की फैसेलिटी का रोल इम्पार्टेट हो जाता है। इविवि में शिक्षक भर्ती के लिये आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने इसका लाभ उठाया है। पीएम नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत यह इनिशियेटिव लिया गया है।

प्रो। अनुपम दीक्षित, डायरेक्टर, फैकेल्टी रिक्रुटमेंट सेल, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी