- दिव्या के परिवार ने पुलिस के खुलासे पर उठाए सवाल

- कहा कि मोहित पर बनता है साक्ष्य छिपाने व कत्ल में शामिल होने का मामला

ALLAHABAD:

दिव्या तिवारी मर्डर केस के खुलासे से उसका परिवार संतुष्ट नहीं है। जीतू महरा समेत तीन की अरेस्टिंग पर तो फैमिली के लोग सवाल नहीं उठा रहे लेकिन घटना के चश्मदीद मोहित जैन पर कोई कार्रवाई न होने से वे हैरान व परेशान हैं। दिव्या के भाई रजनीश तिवारी का कहना है कि मोहित घटना के वक्त मौके पर मौजूद था। यह बात पुलिस के खुलासे से भी साबित होती है लेकिन वह शुरू से गलत जानकारियां दे रहा था। पुलिस उस पर कार्रवाई करने की बात तो कर रही है लेकिन हकीकत कुछ और है। पुलिस मोहित को सजा दिलाना नहीं बल्कि बचाना चाहती है।

हाईकोर्ट जाने के बाद दिखाई तेजी

इस मामले में पुलिस इन्वेस्टिगेशन से परेशान दिव्या के भाई रजनीश ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसने लोकल पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। इस मामले की सुनवाई 28 अप्रैल को होनी है। हाईकोर्ट ने मामले के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर को हाजिर होने का फरमान सुनाया। रजनीश का कहना है कि हाईकोर्ट जाने के बाद ही पुलिस ने तेजी दिखाई और जीतू महरा व उसके दो साथियों को अरेस्ट कर लिया। अब पुलिस कोर्ट में प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करेगी।

पूर्व डीजीपी का है रिश्तेदार

रजनीश का कहना है कि पुलिस खुद स्वीकार कर चुकी है कि मोहित शुरू से कुछ न कुछ छिपा रहा था। वह हर बार नई कहानी सुनाता था लेकिन पुलिस उस पर हाथ डालने से डरती रही क्योंकि वह पूर्व डीजीपी एके जैन का रिश्तेदार है। यही बात उसने कोर्ट में दाखिल याचिका में भी लिखी है। रजनीश ने कहा कि दिव्या को मोहित ने ही फोन करके बुलाया था और सूनसान इलाके में ले गया था। वह इस मामले में शामिल था। उस पर हत्या कराने व सुबूतों को नष्ट करने का आरोप है।