प्रयागराज ब्यूरो ।यह हम खुद अपनी तरफ से बिल्कुल नहीं कह रहे हैं। डाटा इसे जस्टिफाई करता है। उदाहरण लेना है तो बता दें कि इस साल यूपीएससी ने 2023 का फाइनल रिजल्ट जारी किया तो पता चला कि देश में टॉप करने वाले आदित्य श्रीवास्तव को कुल 54.27 फीसदी अंक ही प्राप्त हुए हैं। यही नहीं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा में टॉप करने वाले छात्र को भी इसी के आसपास नंबर मिले हैं।

यूपीपीएससी ने शुक्रवार को जारी किया है कटऑफ

बता दें कि यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ने शुक्रवार को ही सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफलता पाने वाले छात्रों का फाइनल कटऑफ जारी किया है। इसके मुताबिक टॉपर आदित्य श्रीवास्तव को 54.27 फीसदी, दूसरे स्थान पर रहने वाले अनिमेष प्रधान को 53.69 फीसदी अंक मिले हैं। ईडब्लूएस कैटेगिरी में टॉप करने वाले अनन्या रेड्डी को को 52.59 फीसदी अंक हासिल हुए हैं। अंकों का यह डाटा संकेत देता है कि मेहनत इमानदार होनी चाहिए। रिकग्निशन आपके बाकी टैलेंट के आधार पर मिल जाती है।

सेलेबस होता है लम्बा चौड़ा

अंकों के इस डाटा बेस पर बात करने पर इंटरमीडिएट की छात्रा श्रद्धा का कहना था कि उसमें पढ़ता भी तो ज्यादा होता है। इस जवाब के साथ कॅरियर काउंसलर और मनोचिकित्सक डॉ कमलेश तिवारी से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि इंटरमीडिएट के छात्र का मेच्योरिटी लेवल कम होता है। वह तो पांच सब्जेक्ट्स की पढ़ाई कर रहा है। इसके बाद उसे ग्रेजुएशन करना है। यहां तीन सब्जेक्ट हो जाएंगे। इसमें से एक सब्जेक्ट तो उसे बड़ी परीक्षाओं में भी कैरी करना है। रही बात जीएस की तो उसके सवाल भी इन्हीं विषयों से कैरी किये जाते हैं। पास्ट तो आपका रेग्युलर पढ़ाई के साथ तैयार हो ही रहा है। फ्यूचर आजको रेग्युलर पढऩा है और उसका रेग्युलर नोट तैयार करना है। इतनी मेहनत की शुरुआत अभी से कर ली गयी तो कोई आपका रास्ता रोक नहीं सकता। डॉ तिवारी के अनुसार एक और महत्वपूर्ण फैक्ट यह भी है कि गवर्नमेंट जॉब के लिए जो भी रिक्रूटमेंट ड्राइव होती है उसमें ज्यादातर में क्वालीफाइंग माक्र्स प्री के बेस पर तय होते हैं। वहां कोई मैटर नहीं करता कि आपको हाईस्कूल में कितने नंबर मिले हैं, इंटर में कितने नंबर हैं और ग्रेजुएशन में कितने नंबर मिले हैं।

गोल तय करें आगे की सोचें

डॉ तिवारी का कहना है कि नंबर गेम बेसिकली छात्रों के सेल्फ कांफीडेंस को कमजोर करता है तो पैरेंट्स को भी यहां बच्चों को मोटीवेट करना चाहिए। वह बच्चों का गोल सेट करने में मदद करें और उन्हें आगे बढऩे में हेल्प करें। यूपीएससी और यूपीपीएससी के रिजल्ट का कटऑफ बेस्ट एग्जाम्पल है कि डेडिकेशन और सब्जेक्ट सेलेक्शन के साथ सेल्फ कांफीडेंस ही आपको सफलता की तरफ ले जाएगा।