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लोगों ने मंगलवार देर रात से सुबह तक लगाई फांसी

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पुरुषों ने खुद से जीवन लीला कर ली समाप्त

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महिलाओं ने भी कमरे में फांसी लगाकर दे दी जान

कोई नौकरी जाने से रहा व्यथित तो कुछ पारिवारिक वजह से थे परेशान

PRAYAGRAJ: जिंदगी के सफर में समस्याओं से जूझने की क्षमता लोगों में घटती जा रही है। शायद यही वजह रही कि अवसाद यानी डिप्रेशन से ग्रसित पांच लोगों ने सिटी में सुसाइड कर लिए। सुसाइड करने वालों में पुरुषों की तादाद तीन और दो महिलाएं शामिल हैं। मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक यह घटनाएं अलग- अलग थाना क्षेत्रों में हुई। संबंधित थाना पुलिस द्वारा बॉडी पोस्टमार्टम हाउस भेज दी गई। तफ्तीश में पुलिस को दो के डिप्रेशन की पारिवारिक हालात और नौकरी का छूटना बताया गया। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे मृतकों के घर वालों में कोहराम रहा। सुसाइड करने वाले पुरुषों में कोई सब्जी व्यापारी तो कोई कपड़े की दुकान पर सेल्समैन था।

डीजीसी की बेटी थी छात्रा नीति

जार्जटाउन के अल्लापुर स्थित किराए के कमरे में फांसी लगाने वाली नीति यादव (22) पूर्व डीजीसी फौजदारी विजय कुमार यादव की बेटी है। विजय मूल रूप से देवरिया के हैं। बताते हैं तीन बहन व एक भाई में छोटी नीति की शादी 2017 में अजय यादव से हुई थी। अजय देवरिया जिले के बरछौली बरहद का निवासी था। नीति के मामा डॉ। महेश यादव ने कहा कि शादी के बाद से ही उसकी सास के साथ संबंध मधुर नहीं थे। विवाद बढ़ा तो पढ़ने के लिए नीति प्रयागराज आ गई। पति अजय मुंबई में कमाने चला गया। पति अक्सर यहां आया जाया करता था। नीति के पास सुसाइड की वजह मायके पक्ष से मिली टेंशन से डिप्रेशन माना जा रहा।

नौकरी का गम बना डिप्रेशन

कीडगंज नई बस्ती निवासी अभिषेक जायसवाल (20) परिवार का इकलौता था। पिता रामचंद्र की मौत के बाद परिवार की परवरिश का जिम्मा उस पर आ गया। जिम्मेदारी संभालने के लिए वह कपड़े की एक दुकान में सेल्समैन का काम करने लगा। बताते हैं कि पिछले दिनों उसकी नौकरी छूट गई थी। वह काम पर नहीं जा रहा था और काफी तनाव में था। मंगलवार रात कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। माना जा रहा कि जिम्मेदारी का बोझ व नौकरी जाने के गम में उसने सुसाइड कर लिया। अतरसुइया रानीमण्डी की अलका खन्ना (50) द्वारा सुसाइड की वजह किसी की समझ नहीं आई। करीब दो साल पूर्व पति राजेश खन्ना की डेथ हुई थी। पति की मौत बाद वह बेटे रोहित के साथ रह रही थी। रात में कमरे के अंदर वह पानी से भरी बाल्टी दरवाजा बंद करके पीछे रख दी। इसके बाद फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। सुबह देर तक बाहर नहीं आई तो बेटा दरवाजे को धक्का दिया। पुश करते ही दरवाजा खुला तो बाल्टी का पानी कमरे में फैल गया। मां की बॉडी देख वह चीख पड़ा।

इस तरह दो ने किया सुसाइड

इसी तरह मुट्ठीगंज के जालिम सिंह का हाता निवासी अरुण शर्मा (40) ने भी फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। तीन बेटियों के साथ पत्‍‌नी पुष्पा देवी मायके गई हुई थी। बताते हैं कि सुबह भतीजे आदित्य ने कमरे में उसकी बॉडी लटकती हुई देखा। यह देखते ही परिवार में कोहराम मच गया। इसके सुसाइड का कारण स्पष्ट नहीं हो सकी। पुलिस बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेदिया। उधर धूमनगंज एरिया के गंगा बिहार कॉलोनी निवासी मुण्डेरा मण्डी के सब्जी व्यापारी सुनील मिश्रा भी सुसाइड कर लिया। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे लोग खुद भी उसके द्वारा सुसाइड किए जाने को लेकर स्तब्ध रहे। पत्‍‌नी स्नेहलता मणि मिश्रा ने कहा कि कि वह मूल रूप से सरने पीताम्बर का पूरा चंदौली की रहने वाली है।

क्यों चिंता बन जाती है चिता

इन दिनों डिप्रेशन के शिकार व मनोरोगी के केस में इजाफा हुआ है

पहले रोज पांच छह केस ही आते थे इधर एक डेढ़ माह से 25 से 30 केस प्रतिदिन आ रहे हैं

मनोचिकित्सक कहते हैं कि पारिवारिक स्थिति और कलह एवं असफलता डिप्रेशन के मूल कारण हैं

ज्यादा सोचने दिमाग में बनने वाले फीरोटोनिन नामक पदार्थ का बनना धीरे-धीरे कम हो जाता है

इस पदार्थ के दिमाग में कम होने से आदमी अच्छे व बुरे की पहचान नहीं कर रह पाता

पीडि़त को खुद की जिंदगी व समस्याएं बड़ी व न खत्म होने वाली नजर आने लगती हैं जिससे वह सुसाइड कर लेते हैं।

इस स्थिति से उबरने के लिए परिवार का मिलजुल कर रहना जरूरी होता है। एक दूसरे से प्रेम पूर्वक बातें व बातों को समझने और समस्या को दूर करने की कोशिश करके इससे बचा जा सकता है।

डॉ। अजय मिश्रा, मनोचिकित्सक