आठ हजार इंदिरा और लोहिया आवास की नहीं मिली है प्रगति रिपोर्ट
गबन की आशंका में जिला प्रशासन ने शुरू की जांच
कई विकासखंड के बीडीओ पर कसा शिकंजा, रोक दी गई सैलरी
vineet.tiwari@inext.co.in
ALLAHABAD: शौचालय के बाद जिले में लोहिया और इंदिरा आवास के नाम पर अवमुक्त धनराशि में गोलमाल की तस्वीर उभरती नजर आ रही है। लाभार्थियों को आठ हजार से अधिक आवासों का पैसा शासन ने रिलीज कर दिया लेकिन इनकी प्रगति रिपोर्ट अभी तक लापता है। मामले की भनक लगते ही जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। संबंधित ब्लाकों के जिम्मेदारी अधिकारियों की सैलरी रोककर जांच शुरू कर दी गई है। गबन का खुलासा होने पर संबंधित से सरकारी पैसे की वसूली भी की जाएगी।
कसी नकेल तो खुली आंख
शासन की ओर से गरीब और असहायों को लोहिया और इंदिरा आवास मुहैया कराए जाते हैं। वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में जिले के तमाम ब्लाकों में मुहैया कराए गए आवासों में आठ हजार से अधिक का पैसा रिलीज हो जाने के बावजूद इनकी प्रगति रिपोर्ट अभी तक प्रशासन के पास नहीं पहुंची है। जब शासन ने इस मामले को लेकर पूछताछ शुरू की तो प्रशासनिक अधिकारियों ने सख्त रुख अपना लिया है। अब संबंधित ब्लाकों के बीडीओ पर शिकंजा कसा जा रहा है। उनसे रिपोर्ट तलब की जा रही है। इसी क्रम में आधा दर्जन ब्लाकों के बीडीओ का वेतन भी रोक दिया गया है।
सौ करोड़ से अधिक राशि
जानकारी के मुताबिक तीन सालों में कुल 2560 लोहिया और 5787 इंदिरा आवासों की प्रगति रिपोर्ट शासन को मुहैया नहीं कराई गई है। इनकी लागत कुल मिलाकर 110 करोड़ रुपए से अधिक है। इतना ही नहीं 2015-16 में भी प्रगति रिपोर्ट नहीं दिए जाने पर 162 लोहिया और 6500 इंदिरा आवासों की दूसरी किश्त लाभार्थियों को आवंटित नहीं की गई है। नियमानुसार लाभार्थियों के खाते में सीधे आवास निर्माण के लिए राशि आवंटित की जाती है। जिसकी देखरेख बीडीओ को करनी होती है। लेकिन, दोनों की मिलीभगत के चलते तीन सालों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
लोहिया आवास की पेंडिंग रिपोर्ट
वर्ष रिपोर्ट बाकी
2012-13 126
2013-14 247
2014-15 2187
कुल आवास- 2560
कितने इंदिरा आवास की रिपोर्ट पेंडिंग
वर्ष रिपोर्ट बाकी
2012-13 946
2013-14 2500
2014-15 2290
कुल आवास- 5787
कितना पैसा होता है रिलीज
प्रति लोहिया आवास- 2.75 लाख
इंदिरा आवास- 70 हजार
2014-15 की प्रगति रिपोर्ट
इस वित्तीय वर्ष में जिले में लोहिया आवास प्रगति रिपोर्ट कुल मिलाकर 54 फीसदी रही। जिसमें सैदाबाद में शून्य, शंकरगढ़ में तीन, प्रतापपुर में 26, मेजा में आठ फीसदी प्रगति पाई गई।
ट्रांसफर होने पर भी नहीं होंगे रिलीव
जिला प्रशासन के लिए यह मामला गले की हड्डी बन चुका है। हालात यह है कि मेजा, शंकरगढ़, प्रतापपुर, मांडा और उरुवा ब्लॉक के बीडीओ की सैलरी रोक दी गई है। इनसे आवासों की प्रगति रिपोर्ट तलब की गई है। अधिकारियों का कहना है कि अगर कोई अधिकारी शासन में दबाव बनाकर ट्रांसफर भी करा लेता है तो मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे रिलीव नहीं किया जाएगा। अगर आवास बनकर तैयार हैं तो इनकी फोटो अपलोड कराई जाएगी, वरना घोटाले की स्थिति में संबंधित लाभार्थी से योजना में उपलब्ध कराई राशि की वसूली होगी।
जिन ब्लॉकों से आवासों की प्रगति रिपोर्ट नहीं मिली है वहां के पिछले तीन सालों में तैनात रहे बीडीओ को चार्जशीट थमाई जाएगी। इस मामले को लेकर गंभीरता बरती जा रही है और किसी भी हाल में सरकारी पैसे के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आंद्रा वामसी, सीडीओ, इलाहाबाद