- टैक्स बढ़ने पर रेट बढ़ा दिया, महंगे दाम पर बिक रहा गुटखा और सिगरेट

- दुकानदारों ने मचाई लूट, एमआरपी से अधिक वसूल रहे पैसा, ग्राहक भी हैं खामोश

ALLAHABAD: जीएसटी लागू होने के बाद एक तरफ जहां व्यापारियों के बीच से नुकसान होने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। वहीं जबर्दस्त फायदा भी उठाया जा रहा है। जिन सामानों पर टैक्स कम हुआ है, उन्हें रेट कम करने के बजाय एमआरपी पर बेचा जा रहा है। वहीं जिन सामानों पर टैक्स स्लैब बढ़ा है, उन्हें एमआरपी से अधिक रेट पर बेचा जा रहा है। जिसमें गुटखा, पान मसाला और सिगरेट भी शामिल है। जीएसटी लागू होने के बाद गुटखा, पान मसाला व सिगरेट का क्या रेट है और कस्टमर से क्या लिया जा रहा है ? ये जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने रियलिटी चेक किया।

स्पॉट 1- सिविल लाइंस बस अड्डा

बस अड्डा के बाहर गुमटी में लगी एक दुकान पर रिपोर्टर ने पान मसाला का एक पाउच लिया। जिस पर एमआरपी 5 रुपये लिखा था। लेकिन दुकानदार ने छह रुपया मांगा। विरोध करने पर उसने कहा जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स बढ़ गया है। इसलिए छह रुपये का ही मिलेगा। लेना हो लो नहीं तो जाओ।

स्पॉट- 2 धोबीघाट चौराहा

यहां पेट्रोल टंकी के पास ठेले पर लगी एक दुकान से एक रजनीगंधा, एक तुलसी और सिगरेट मांगा गया। रजनीगंधा पर छह रुपये और तुलसी पर पांच रुपये एमआरपी था। लेकिन ठेले वाले ने रजनीगंधा का सात रुपया और तुलसी का छह रुपया मांगा। वहीं सिगरेट का रेट दस रुपये ही बताया।

12.50 से 50 प्रतिशत हो गया वैट

शहर में इसी तरह करीब-करीब सभी दुकानों पर पान मसाला व गुटखा का रेट एक रुपया पाऊच बढ़ा दिया गया है। जबकि एमआरपी एक रुपया कम है। वहीं कुछ दुकानों पर सिगरेट भी एक रुपया महंगा बेचा जा रहा है। अभी तक गुटखे पर वैट 12.5 प्रतिशत लगता था। जिसे बढ़ाकर अब 50 प्रतिशत कर दिया गया है। जिससे गुटखा व पान मसाला का रेट बढ़ा दिया गया है। जीएसटी काउंसिल द्वारा गुटखा, पान मसाला व सिगरेट पर सबसे अधिक टैक्स लगाया गया है।

जीएसटी लागू होने के बाद गुटखा व पान मसाला का रेट बढ़ गया है। कंपनियों द्वारा रेट बढ़ाकर लिया जा रहा है। प्रति पैकेट करीब 10 रुपया रेट बढ़ गया है। दुकानदारों को बढ़े हुए नए रेट पर सामान दिया जा रहा है। अब नया माल नए एमआरपी के साथ आ रहा है।

बुनबुन चौरसिया, गुटखा-पान मसाला के थोक विक्रेता