स्कूलों की तरफ से जारी की गयी टॉपर लिस्ट में ज्यादातर ह्यूमिनिटीज स्ट्रीम के स्टूडेंट्स

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PRAYAGRAJ: संभव है कि ऐसा सभी सब्जेक्ट्स की परीक्षा न होने के चलते हुआ हो। लेकिन, इस परिणाम ने यह जरूर साबित कर दिया है कि मानविकी स्ट्रीम में भी संभावनाओं की कमी नहीं है। फ्यूचर इसके जरिए भी बेहतर बनाया जा सकता है। कॅरियर को सही दिखा देने में इंपॉर्टेट रोल प्ले कर सकता है। आम तौर पर इस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स साइंस से इतर सोचते हैं। यह स्कूल स्तर पर घोषित किये गये टॉपर्स से बातचीत में साफ झलकता है। यह आने वाले समय में विकल्प के रास्ते खोल सकता है।

साइंस को कड़ी टक्कर

आम तौर पर धारणा है कि स्पेशली सीबीएसई बोर्ड ज्वाइन करने वाले स्टूडेंट्स का फोकस साइंस स्ट्रीम होती है। स्कूल भी बच्चों के साथ उनके पैरेंट्स की इस मनोदशा को समझते हुए इस पर फोकस करते हैं। घरों में साइंस स्ट्रीम से बाहर बात होने पर एकाउंट स्ट्रीम की बात होती है। इसी के चलते सीबीएसई बोर्ड के ज्यादातर स्कूलों में मानविकी स्ट्रीम कोर्स ही संचालित नहीं होता। मानविकी यानी ह्यमिनिटी स्ट्रीम के बारे में सोचते भी कम ही लोग है। पिछले सालों के दौरान लॉ फाइव इयर का क्रेज बढ़ने और इसमें दाखिल के लिए होने वाली काम्पिटीशन को देखते हुए ही इस दिशा में छात्रों का रुझान बढ़ा है। इसके जरिए वे दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकते हैं। इसी के चलते साइंस स्ट्रीम को कड़ी टक्कर मिलने लगी है।

कॉमर्स का जलवा कायम

दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) के प्रधानाचार्य के अनुसार विद्यालय की चिरांसा प्रसाद ने जिले में टॉप किया है। उन्हें 98.8 प्रतिशत अंक हासिल हुए। इसी विद्यालय के आंजनेय टंडन और अनुष्का मोहन द्विवेदी ने समान रूप से 98.6 प्रतिशत अंक हासिल कर दूसरे पायदान पर जगह बनाई है। ये तीनो मानविकी शाखा के हैं। महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर के अक्षत अग्रवाल और सेंट विशना आरआरएन स्कूल के ध्रुव कुमार को समान रूप से 98 प्रतिशत अंक मिले हैं। अक्षत कामर्स स्ट्रीम के छात्र बताये जा रहे हैं। विष्णु भगवान के प्रिंसिपल दिनेश कुमार श्रीवास्तव की तरफ से जारी किये गये रिजल्ट के अनुसार वैभव केसरवानी ने सर्वाधिक 96.60 फीसदी और प्रियांशू द्विवेदी और बबिता यादव ने 96 फीसदी अंक हासिल किये हैं। तीनो मैथ्स स्ट्रीम के स्टूडेंट हैं। एमपीवीएम के टॉपर ने बताया कि कॉमर्स का क्रेज कमजोर नहीं है।

चार श्रेणियों में तैयार हुआ रिजल्ट

पहली श्रेणी

इस कैटेगिरी में उन छात्रों को रखा गया जिन्होंने सभी सब्जेक्ट्स की परीक्षा दी थी। उनकी कापियां चेक हुई और उन्हें नंबर बोर्ड परीक्षा के बेस पर दिया गया।

दूसरी श्रेणी

इस कैटेगिरी में उन छात्रों को रखा गया जिन्होंने तीन या उससे अधिक विषयों की परीक्षा दी थी। सर्वश्रेष्ठ तीन प्रदर्शन करने वाले विषयों में प्राप्त अंकों का औसत उन विषयों में दिया गया है। इनकी परीक्षा आयोजित नहीं की गई थी।

तीसरी श्रेणी

इस कैटेगिरी में ऐसे छात्रों को शामिल किया गया जो केवल तीन विषय की परीक्षा दे सके थे। इनके दो सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले विषयों में प्राप्त अंकों का औसत उन विषयों में दिया गया, जिनकी परीक्षा नहीं हुई थी।

चौथी श्रेणी

जहां परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी थीं। ये छात्र केवल एक या दो विषयों की परीक्षा में उपस्थित हुए। ऐसे छात्रों के परिणाम उन विषयों में उनकी आंतरिक परीक्षा और प्रोजेक्ट मूल्यांकन के आधार पर जारी किए गए।