रेडलाइट एरिया में मकान सील किए जाने को चुनौती

आश्वासन दें कि सील खुलने के बाद वे अपने मकान में सपरिवार निवास करेंगे। किसी दूसरे व्यक्ति को अन्य काम के लिए नहीं बुलाएंगे। निवास के इतर इन मकानों का उपयोग नहीं किया जायेगा। यह बातें हलफनामे में लिखकर देने का निर्देश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेडलाइट एरिया मीरगंज में सील भवनों के मालिकों से कही है। इसके बाद ही तय होगा कि इसे खोलने की अनुमति दी जाय या नहीं। कोर्ट इस संबंध में दाखिल याचिका पर सुनवाई 7 7 दिसम्बर को करेगा।

देह व्यापार पकड़े जाने के बाद से है सील

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने सत्यभामा व दो अन्य की याचिकाओं पर दिया है। याची का कहना है कि उसने मकान संख्या 26/73 का बैनामा लिया है। इसी मकान का भूतल अंजली सावन्त का है। अप्रैल 16 में पुलिस ने देह व्यापार की शिकायत पर नोटिस जारी की और पूरा मकान सील कर दिया है। एसडीएम के इस आदेश की वैधता को चुनौती दी गयी है। याची के अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र का कहना है कि जब तक दोष सिद्ध नहीं हो जाता तब तक शासन को भवन सील करने का अधिकार नहीं है। शासन ने अंजली सावंत को 30 अप्रैल 16 को नोटिस दी और 1 मई को मकान सील कर दिया गया। याची को जबरन बाहर कर दिया गया जबकि वह मकान की मालकिन है और निवास कर रही है। उस पर देह व्यापार का आरोप भी नहीं है। अंजली के हिस्से को ही सील करना चाहिए था, वह भी तब जब दोष सिद्ध हो जाय। कोर्ट ने याची से आश्वासन हलफनामा मांगते हुए कहा कि अगली तिथि पर कोर्ट इस सम्बन्ध में आदेश पारित करेगी।