प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आए दिन लग रही आग के धुएं से शहर का इलाका चौक धुआं-धुआं है। आग से लाखों रुपये का नुकसान होने के बावजूद चंद दुकानदार सबक नहीं ले रहे। आग लगने पर इस नुकसान के पीछे की सबसे बड़ा कारण चौक की तंग सड़कें हैं। फुटपाथ से लेकर रोड तक कुछ लोग दुकानों का सामान फैला देते हैं। बची हुई रोड पर खरीदार व उनकी गाडिय़ों एवं ई-रिक्शा और ठेला खोंचा वालों का कब्जा हो जाता है। इस तरह पूरी रोड कब्जे का शिकार हो जाती है। ऐसी स्थिति में सुबह से रात नौ से दस बजे तक यहां आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को पहुंचे में वक्त लग जाता है। जिसके चलते दुकान में रखे लाखों के सामान आग बुझने तक जलकर राख हो जाते हैं। सोमवार रात यहां कास्मेटिक व बैग की दुकान में आग से हुए लाखों के नुकसान की एक बड़ी वजह अतिक्रमण युक्त सड़कें भी रही हैं।

1283 आग की सूचनाएं जनवरी से नवंबर तक मिलीं
1270 अग्निकांड की सूचनाएं विभाग को मिली सहीं
13 सूचनाएं मौके पर पहुंचे जवानों को मिली फेक

इसलिए जवानों को पहुंचने में लगा वक्त
चौक के बरामदा मार्केट में कास्मेटिक व बैग की दुकान में सोमवार रात करीब नौ बजे आग लग गई थी। फायर ब्रिगेड के जवान दबी जुबान कहते हैं कि सूचना मिलते ही फायर डेंटर यानी वाटर टैंकर लेकर टीम निकल ली। मगर शाहगंज इलेक्ट्रानिक मार्केट के आगे रोड तक फैली दुकान व ग्राहकों के चलते उन्हें पहुंचने में थोड़ा वक्त लग गया। किसी सूरत वे जब तक घटना स्थल पर पहुंचे आग पूरी दुकान में फैल चुकी थी। यही वजह है कि एक छोटी सी दुकान में लगी आग को बुझाने में करीब एक से डेढ़ घंटे का वक्त लग गया। तब तक दुकान में मौजूद व्यापारी का सारा सामान जलकर राख हो चुका चुका था। गनीमत यह रही कि एक दूसरे से सटी यहां दर्जनों दुकानों तक आग नहीं पहुंची। यदि थोड़ी देर और हो जाती तो बरामदा मार्केट की दर्जनों दुकानों में आग फैल जाती। ऐसी स्थिति में यह घटना इतनी बड़ी हो जाती कि अनुमान लगाना मुश्किल है। बताते चलें कि चौक में आग की यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके पूर्व भी यहां आग की कई घटनाएं हो चुकी हैं। फिर भी फुटपाथ व रोड तक कुछ दुकानदार सामान पैलाने से बाज नहीं आ रहे।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की जरूरत
सुरक्षा के लिहाज से यहां प्रशासन भी कोई ऐसी व्यवस्था नहीं कर पा रहा जिससे आग जैसी घटना होने पर फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को पहुंचने में वक्त नहीं लगे, और व्यापारियों का नुकसान कम हो। हालात और सड़कों की कंडीशन को देखते हुए कहा जा सकता है कि अनदेखी यही रही तो किसी दिन चौक में आग की बड़ी घटना हो सकती है। व्यापारिक दृष्टिकोण से चौक इलाका शहर का काफी अहम हिस्सा है। इस लिए यहां आए दिन दुकानों में लग रही आग को देखते हुए प्रशासन को समय रहते सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे।

घटना से आहत हैं दोनों व्यापारी
बरामदा मार्केट में स्थित दुकान में आग से हुए नुकसान को लेकर व्यापारी फैसल मो। यामीन काफी परेशान हैं। एक छोटी सी दुकान ही उनके परिवार के भरणपोषण का सहारा थी। आग में दुकान के जलने से उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। वह इस नुकसान को लेकर मंगलवार को काफी परेशान नर आए। कहते हैं कि वे दुकान बंद करके घर जाने की तैयारी में थे। इसी बीच अचानक दुआं दिखाई दिया। जब तक वे कुछ समझ पाते कि दुकान में आग की लपटें उठने लगीं। इसके बाद पूरे मार्केट में अफरा तफरी का माहौल हो गया। सभी आग बुझाने की कोशिश में जुट गए। सुबह से ही वे दोनों व्यापारी जल चुकी दुकान में साफ सफाई करने में जुटे रहे।


शहर में आग की आठ बड़ी घटनाएं

अप्रैल महीने में चौक स्थित नेहरू काम्प्लेक्स में आग से दस दुकानें जलकर हो गई थीं राख, 210 दुकानें काप्लेक्स में थी। शेष को जवानों ने सुरक्षित बचा लिया था।
मई में धूमनगंज स्थित तीन मंजिला इमारत आग लगी थी, ग्राउंड फ्लोर पर दुकान सेकंड पर गोदान व थर्ड पर रहते थे लोग, जान पर खेल कर लोगों को जवानों ने बचाया था।
नवंबर में कमलानेहरू रोड कोतवाली एरिया स्थित दो मंजिला आवासीय भवन में आग लगी थी। यहां भी लोग तो बचा लिए गए पर गृहस्थी राख हो गई है।
इसी महीने में बहादुरगंज स्थित बजाजा मण्डी में दुकान व मकान में भीषण आग लगी थी, फंसे चार लोगों को फायर कर्मी सुरक्षित बचा लिए थे।
फरवरी महीने में ही चौक के घंटा घर के आगे कोतवाली रोड पर तीन मंजिला मकान में दुकान व मकान में आग लगी थी। गद्दा रजाई सब जल गया था, लोग बचा लिए गए थे।
शाहगंज इलेक्ट्रानिक मार्केट में स्थित एक इलेक्ट्रानिक दुकान के दूसरे मंजिल पर गैस सिलेंडर से मार्च में आग लगी थी। फायर ब्रिगेड के जवान यहां भी लोगों को बचा लिए पर लाखों का सामान राख हो गा था।
जार्जटाउन चिंतामणि रोड पर एक टेंट हाउस में आग लग गई थी। यह घटना अप्रैल में बताई गई। यहां भी टेंट का सारा सामान जलकर राख हो गया था।
झूंसी स्थित मारुति शो रूम में भीषण आग लगने से सितंबर महीने में दर्जनों कारें जलकर राख हो गई थीं। आग बुझाने में यहां फायर कर्मियों को घंटों का वक्त लगा था।

शहर के चौक व शाहगंज इलाके में आग लगने पर फायर टेंडर संग भागकर पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ती है। क्योंकि फुटपाथ से लेकर यहां रोड तक पर दुकानें होती हैं। यदि सड़कें बहुत तंग नहीं हों तो शायद हम सूचना मिलते ही पहुंचकर होने वाले ज्यादा नुकसान को बचा सकते हैं।
आरके पांडेय, मुख्य अग्नि शमन अधिकारी