जल्दबाजी में ट्रैफिक रूल तोड़ने की है बुरी आदत

सुबह होता है ज्यादा रश, जल्दबाजी के चक्कर में लगता है जाम

ALLAHABAD: सुबह जल्दी सभी को होती है। सभी को समय से आफिस, बिजनेस पर पहुंचना होता है। जल्दबाजी में ट्रैफिक रूल तोड़ते हैं। लेन तोड़ते हैं, चौराहे के लेफ्ट फ्री कॉरिडोर में घुस जाते हैं और इससे भी काम न चले तो ओवर ब्रिज के फुटपाथ पर भी बाइक दौड़ाने लगते हैं। इसी के चक्कर में जाम लग जाता है और इसमें फंसकर सारी जल्दबाजी भूल जाते हैं।

एक सिपाही के जिम्मे 2059 गाडि़यां

डिस्ट्रिक्ट में रजिस्टर्ड गाडि़यों की संख्या आठ लाख से अधिक है। आठ लाख गाडि़यों को कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक पुलिस के पास 354 जवान हैं। इस लिहाज से हर जवान के कंधे पर 2259 गाडि़यों को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी है।

हैवी रश वाले चौराहे

पानी टंकी

सिटी वेस्ट को सिटी नार्थ से जोड़ने वाले इस चौराहे पर दिन भर में 40 ये 50 हजार छोड़ी-बड़ी गाडि़यां क्रास होती हैं। इस चौराहे पर सुबह 10 से 11 और दोपहर 12.30 बजे से दो बजे के बीच सबसे अधिक रश होता है। शाम पांच से सात बजे के बीच भी हालात अक्सर बदतर हो जाते हैं।

कारण : जाम के समय रेल ओवर ब्रिज पर लोग लेन की परवाह नहीं करते। सामने की लेन में घुस जाना तो आम बात है, सड़क पर जगह नहीं बचती है तो लोग स्कूटर व बाइक लेकर साइड में बने फुटपाथ पर भी चढ़ जाते हैं। इससे न केवल जाम का झाम बढ़ जाता है, बल्कि जिंदगी भी खतरे में पड़ जाती है।

2. मेयोहाल चौराहा

इस चौराहे पर भी डेली 35 से 40 हजार गाडि़यां गुजरती हैं। तेलियरगंज, ममफोर्डगंज, कटरा, कर्नलगंज, बघाड़ा, टैगोर टाउन, ऊंचावगढ़ी, एडीए कालोनी, तेलियरगंज, बलरामपुर हाउस, शिवकुटी वालों को सिविल लाइंस आने के लिए इसी रास्ते को चुनना होता है। यह चौराहा 10 से लेकर दो बजे तक हांफता रहता है। शाम को भी ऐसे ही हालात हो जाते हैं।

कारण : लोग ट्रैफिक लाइट के चक्कर में रुकने की जगह दाएं-बाएं से निकलने की कोशिश करते हैं। रश इतना ज्यादा होता है कि पीक ऑवर्स में बत्ती हरी होने के बाद भी गाडि़यां फंसी रहती हैं। कभी-कभी तो तीन से चार बार लाइट ग्रीन से रेड हो जाती है। लेफ्ट कॉरिडोर में भी लोग घुस जाते हैं। जिनको बाएं जाना है, वह भी मजबूरी में फंसे रह जाते हैं।

3. जानसेनगंज चौराहा

पुराने शहर को सिविल लाइंस से जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण चौराहा। लीडर रोड, जीरो रोड, चौक, मुट्ठीगंज, हीवेट रोड, शाहगंज, लोकनाथ, बहादुरगंज जाने का एक मात्र चौराहा। इस चौराहे पर सुबह 10 से रात आठ तक जाम लगा रहता है। ट्रैफिक के एक दर्जन सिपाही तैनात होते हैं लेकिन बोझ के आगे वह भी बेबस रहते हैं।

कारण : दुकानों के बाहर अतिक्रमण और रोड पर ही गाडि़यों को पार्क करने से काफी दिक्कत। मुख्य बाजार होने के कारण बाहर से भी लोग फोर व्हीलर से आते हैं। पीक ऑवर्स में जाम कई-कई किमी लंबा हो जाता है। कोई रूल फालो नहीं करता। एक बार वन-वे की कोशिश की गई लेकिन मामला फेल हो गया।

4. रामबाग चौराहा

यमुनापार के लोगों के लिए सबसे बड़ा जंक्शन। लोग बसों और ट्रेनों से रामबाग चौराहे तक पहुंचते हैं और यहां से रिक्शे व दूसरे टेंपो से सिटी में जाते हैं। चौराहे पर बसों के साथ ही टेंपो का चलता है राज। कोई नियम नहीं। टेंपो वालों की मनमानी से लोगों को जाम में फंसना पड़ता है। अगर इसी बीच रामबाग क्रासिंग बंद हो गई तो जाम और बढ़ जाता है।

कारण : टेंपो वाले स्टैंड पर नहीं रुकते। नैनी साइड से आने वाले टेंपो चौराहे से ही सवारियों को भरने की कोशिश करते हैं। ऐसी ही आदत बस वालों की भी है। आधा दर्जन ट्रैफिक के जवान तैनात रहते हैं लेकिन उनकी प्राथमिकता जाम खुलवाना नहीं होती।

5. तेलियरगंज चौराहा

यहां का हाल भी बहुत बुरा है। दिन में 10 से 12 और शाम को पांच बजे के बाद जाम लग जाता है। पटरियों पर दुकानों का कब्जा होता है तो जल्दी में लोग लेन तोड़ते रहते हैं। सामने से आने वालों को जगह नहीं मिलती तो गाडि़यां घंटों रेंगती रहती हैं। चुंगी पर ट्रैफिक का दस्ता मौजूद रहता है लेकिन जाम के आगे वह भी बेबस रहता है।

कारण : दुकानों के बाहर सब्जियों और फलों के ठेले भी लगाए जाते हैं। पीक ऑवर्स में चौड़ी सड़क संकरी हो जाती है। पैदल चलने के लिए जगह ही नहीं बचती। खरीदार भी रुक जाते हैं तो लोगों की तकलीफ बढ़ जाती है।

ट्रैफिक पुलिस की स्ट्रेंथ

एसपी 1

सीओ 1

टीआई 2

टीएसआई 9

हेड कांस्टेबल 26

कांस्टेबल 134

होमगार्ड 181

इन इलाकों में भी लगता है जाम

जवाहर जीटी, लोक सेवा आयोग, हिंदू हॉस्टल, मेडिकल कॉलेज, एबीआईसी, कोठापारचा, बहादुरगंज, घंटाघर, चौक, लोकनाथ, कटघर, बाई का बाग, सोहबतियाबाग, अलोपीबाग, पुरानी चुंगी, सिविल लाइंस हनुमान मंदिर, कचहरी, धोबीघाट, हाईकोर्ट, खुल्दाबाद, नखासकोना, अटाला, हिम्मतगंज, बालसन, भारद्वाजपार्क, इंडियन प्रेस, नैनी पुराना पुल, बलुआघाट, प्रीतम नगर, सुलेमसराय, मुंडेरा

रियलिटी चेक

12.30 : मेयोहाल चौराहे पर बीएचएस की छुट्टी के बाद लोग दूसरे लेन में घुसे। सामने से आने वाली गाडि़यां फंसीं। रिक्शों की भीड़ के चलते भी गाडि़यां रेंगती रहीं। सिचुएशन दो बजे के बाद नार्मल हुई।

1.00 पानी टंकी चौराहा : रेल ओवर ब्रिज पर स्कूली बसों, ट्रालियों की वजह से जाम। लोग टू व्हीलर लेकर पुल के फुटपाथ पर चढ़े। डीएसए ग्राउंड के पास भी ऐसा ही हाल।

1.15 : निरंजन डॉट पुल के पहले से ही गाडि़यों की कतार। लोग दूसरे लेन में घुसे। चौराहे पर चार हजार से अधिक छोटी-गाडि़यां फंसीं। सिचुएशन तीन बजे के बाद नार्मल।

इन पर भी नजर डालें

- एक सर्वे के मुताबिक लोग गाडि़यों के पेट्रोल-डीजल का 10 फीसदी हिस्सा जाम में फूंक डालते हैं। इसका असर माइलेज पर पड़ता है।

- सिटी का एयर पॉल्युशन 86.36 पीक्यूएम तक पहुंच गया है। यह डेंजर लेवल से 36.36 ज्यादा है।

- पॉल्यूशन से सांस लेने में दिक्कत के साथ-साथ चक्कर आने, भूलने, चिड़चिड़ेपन की भी समस्या हो सकती है

- हवा के जहरीला होने पर बच्चों और बुजुर्गो में सांस की बीमारियां घर कर रहीं। चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में आने वाले 20 फीसदी बच्चों को होती है सांस से संबंधित बीमारी। यह पाया गया है कि भीड़ भाड़ वाले इलाकों में रहने वालों में सिरदर्द, खांसी व जुकाम की समस्या आम है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में सीजन में 70 से 80 फीसदी मरीज पुराने शहरों से ही आते हैं।

सिटी का पॉल्यूशन लेवल

सल्फर : 80 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर

नाइट्रोजन : 80 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर

एसपीएम : 100 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर

आरपीएम : 60 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर

आइए स्वतंत्रता दिवस पर ले संकल्प

- कभी लेन नहीं तोड़ेंगे

- बाएं जाने वालों के लिए लेफ्ट कॉरीडोर को छोड़ देंगे

- किसी भी कीमत पर पुल के फुटपाथ पर बाइक लेकर नहीं चढ़ेंगे

- एंबुलेंस और स्कूली गाडि़यों को पहले जाने के लिए जगह देंगे

- रेड लाइट ऑन होने पर जेब्रा क्रासिंग पैदल यात्रियों के लिए छोड़ेंगे

- भीड़भाड़ वाले इलाकों में गाडि़यों को रोड पर पार्क नहीं करेंगे

- जाम में फंसने पर बाइक या कार को बंद कर पेट्रोल-डीजल बचाएंगे

- समय-समय पर सर्विसिंग कराके आबोहवा को जहरीला होने से रोकेंगे

बहरा कर रहा शोर

गाडि़यों का धुआं तो आबोहवा को जहरीला कर ही रहा है, शोर लोगों के सुनने की क्षमता को भी प्रभावित कर रहा है। शहर में अधिकांश इलाकों में पेशर हार्न और गाडि़यों के शोर से ध्वनि प्रदूषण काफी बढ़ गया है।

आवासीय क्षेत्र

सुबह 11 से शाम 6

एरिया न्यूनतम अधिकतम औसत

ममफोर्डगंज 45 75 54

झूंसी 44 68 53

अशोक नगर 43 69 55

राजापुर 44 72 54

अलोपीबाग 47 63 59

अल्लापुर 45 62 58

कामर्शियल

सिविल लाइंस 52 86 60

तेलियरगंज 54 88 64

जानसेनगंज 50 91 65

घंटाघर 51 90 68

लक्ष्मी टॉकीज 53 85 63

राजापुर 50 86 62

कटरा 54 82 65

ट्रैफिक व्यवस्था किसी एक के प्रयास से दुरुस्त नहीं हो सकती है। इसमें शहरियों का योगदान जरूरी है। लोग रूल फॉलो करेंगे तो खुद ही पाएंगे कि आधी प्राब्लम अपने आप ही खत्म हो गई। पुलिस रूल तोड़ने वालों पर सख्ती भी कर रही है। रेड लाइट जंप करने, ट्रिपलिंग व बिना हेलमेट के बाइक चलाने पर जुलाई में पांच हजार से अधिक चालान किए गए।

राजकमल यादव, एसपी ट्रैफिक