-उल्टी-दस्त होने के चलते पहुंच रहे हैं हॉस्पिटल

-बच्चों में सबसे ज्यादा प्रकोप, समय पर इलाज नहीं होने से जान जाने का खतरा

ALLAHABAD: लगातार बढ़ते तापमान से डायरिया ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। हॉस्पिटल में पहुंचने वाले मरीजों की बढ़ती संख्या इसका जीता-जागता प्रमाण है। खानपान में लापरवाही बरतने के साथ साफ-सफाई का ख्याल नहीं रखने से डायरिया लोगों को पलक झपकते ही अपनी चपेट में ले रहा है। जिसकी वजह से हॉस्पिटल्स के वार्ड हाउसफुल होने की कगार पर आ चुके हैं।

रोजाना दो से तीन दर्जन मरीजों की भर्ती

हॉस्पिटल्स में डायरिया से पीडि़त मरीजों की भर्ती का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। वर्तमान में रोजाना एसआरएन, कॉल्विन और बेली हॉस्पिटल में दो से तीन दर्जन नए मरीजों को वार्ड में भर्ती कराया जा रहा है। इनमें महिलाओं और बच्चों की संख्या ज्यादा है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम में तेजी से बढ़ती उमस भी इसका कारण हो सकती है।

हल्के में लिया तो पहुंचेंगे हॉस्पिटल

बता दें कि डायरिया के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना महंगा साबित हो सकता है। एक बार उल्टी-दस्त की चपेट में आने के बाद तेजी से शरीर में पानी का लेवल घटता है जिससे मरीज बेहोशी की स्थिति में आ जाता है और उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ता है। खासतौर से महिलाओं और बच्चों की सेहत में लापरवाही बरतना ज्यादा खतरनाक है।

कारण

-बासी और बाजार में बिकने वाले फूड आइटम्स, फल, जूस इत्यादि का सेवन।

-नलों से दूषित पानी की सप्लाई।

-घर में साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखना।

-गर्मियों में जरूरत से कम पानी पीना।

लक्षण

- जी मिचलाना, बेहोशी, कमजोरी, उल्टी-दस्त और त्वचा में रूखापन।

बचाव

- घर का बना ताजा खाना खाएं।

- नल से आने वाले पानी को उबालकर व छानकर पीएं।

-नमक-चीनी का घोल लेते रहें, बच्चों को बार-बार पानी पिलाएं।

-हालत सीरियस होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

बॉक्स

जरूरी है मां का दूध

नवजात बच्चों में इस मौसम में डायरिया का खतरा सबसे ज्यादा होता है। डॉक्टर्स कहते हैं कि बच्चों को बाजार में बिकने वाला दूध देने से बचें। इसमें होने वाली मिलावट ही डायरिया का मेन रीजन है। बच्चों को मां का दूध निश्चित तौर पर दिया जाए। इससे उनमें डायरिया का खतरा कम हो जाता है। माताओं को भी बाजार की चीजों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। उनकी वजह से भी बच्चों में डायरिया होने के चांसेज बढ़ जाते हैं।

वर्जन

- रोजाना सात से आठ डायरिया के नए मरीज भर्ती हो रहे हैं। इस मौसम में शरीर में पानी की कमी और इंफेक्शन से लोग डायरिया का शिकार हो रहे हैं। बारिश के मौसम में यह बीमारी एपिडेमिक की तरह फैलती है।

-डॉ। बीके सिंह, सीएमएस, बेली हॉस्पिटल

- इस मौसम में बच्चों को डायरिया से सर्वाधिक खतरा होता है। उन्हें प्रॉपरली मां का दूध दिया जाना चाहिए। बाजार का दूध गंदा और इंफेक्टेड होता है। शुरुआती लक्षणों के आधार पर बच्चों को तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

-डॉ। मनीषराज चौरसिया, पीडियाट्रिशन