प्रयागराज ब्यूरो । यह इंस्टीट्यूट का इंफ्रास्ट्रक्चर बनकर तैयार है। इसमें ड्राइविंग की सभी विधाओं को सिखाने के हिसाब से ट्रैक बनाया गया है। जिसमें चलाकर लोगों को पूरी तरह से ट्रेनिंग मिल जाती है। अभी यहां पर लोग आकर वेहिकल चलाकर प्रेक्टिकली खुद को ट्रेंड कर रहे हैं। लेकिन यहां एक संस्थान बनेगा। जो लोगों को इंस्टीट्यूट में वेल ट्रेंड कर सर्टिफिकेट प्रदान करेगी। यहां पर बकायदा ट्रेनर भी रखे जाएंगे। हालांकि अभी यह पक्का नही है कि इस इंस्टीट््यूट को खुद आईटीआई नैनी द्वारा संचालित किया जाएगा या किसी बाहरी संस्था को टेंडर के माध्यम से दिया जाएगा। इसके चालू हो जाने के बाद यहां पर सीखने वालों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने केलिए कोई टेस्ट नही देना होगा। उसे पूरी तरह से ट्रेंड मान लिया जाएगा। इस इंस्टीट््यूट को सीएम ने गुरुवार को जनता को सौंप दिया।

लोगों के पास नही है सुविधा

एक्सपर्ट बताते हैं कि ड्राइविंग एक संपूर्ण विधा है और इसे पूरी तरह से आना जरूरी है। कई बार लोग शुरुआती ड्राइविंग को सीखकर रोड पर वेहिकल लेकर आ जाते हैं। पूरी तरह से ट्रेंड नही होने से अनहोनी का शिकार होते हैं। इससे दूसरों को भी नुकसान का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि सरकार तमाम जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोल रही है। जिससे लोग ड्राइविंग की विधा को पूरी से सीख लें। प्रयागराज में भी इसी उद्देश्य से

इंस्टीट्यूट को 6.38 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। बस इसका पूरा लाभ जनता को मिलना बाकी है।

अभी लोग इस इंस्टीट्यूट के ट्रैक पर अपना वेहिकल चला रहे हैं। इससे उनको

ट्रेनिंग मिल रही है लेकिन अभी यहां कोई प्रॉपरली ट्रेनर नियुक्त नही है। जब पूरी तरह से यह इंस्टीट्यूट चलने लगेगा तो लोगों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जिसके बाद उनको डीएल लेने के लिए कोई टेस्ट नहीं देना होगा।

प्रतीक मिश्रा, ड्राइविंग लाइसेंस प्रभारी, आरटीओ प्रयागराज