- विधि आयोग के चेयरमैन ने नए संशोधन के मुख्य बिन्दु पर की चर्चा

- कहा कि मेंबर्स के सेलेक्शन के बाद शुरू होगा रीविजन का कार्य

ALLAHABAD: आईपीसी व सीआरपीसी की कई धाराओं में संशोधन करने की तैयारी है। इसकी शुरुआत जल्द ही होगी। ये बातें शनिवार को एक कार्यक्रम के सिलसिले में शहर आए लॉ कमिशन के चेयरमैन जस्टिस डॉ। बीएस चौहान ने कही। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक रीविजन की जरूरत क्रिमिनल लॉ में होनी है। इसके लिए पांच सदस्यों की टीम वर्क करेगी।

बेल को लेकर होगा संशोधन

सीआरपीसी व आईपीसी के रिविजन में सबसे अधिक महत्वपूर्ण कार्य है बेल को लेकर संशोधन। माना जाता है कि आम आदमी पैसों के अभाव में बेल नहीं करा पाता। इसके साथ ही क्रमिनल लॉ के कुछ पार्ट में भी संशोधन के लिए प्लानिंग की जा रही है। इस पर पूरी रिपोर्ट आयोग के मेंबर्स के चयन के बाद ही तैयार होगी। फिलहाल ये अभी प्रॉसेस पोजिशन में है।

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जस्टिस गांगुली का बयान व्यक्तिगत

आईनेक्स्ट से हुई बातचीत के दौरान विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस डॉ। बीएस चौहान ने अफजल गुरू की फांसी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस गांगूली के बयान को उनका व्यक्गित विचार बताया।

मुख्य बातें

-कोर्ट द्वारा दिया गया जजमेंट पूरी तरह तथ्यों पर आधारित होता है -न्यायमूर्ति तथ्यों व साक्ष्य को देखने के बाद ही कोई निर्णय लेते है

-सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को सिरे से खारिज करना गलत है।