-नगर निगम के जलकल विभाग की नसीहत

- आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर के आरटीआई में जलकल विभाग की ओर से दिया गया जवाब

- हर साल कनेक्शन धारकों से विभाग वसूलता है वाटर टैक्स

ALLAHABAD: ये स्मार्ट सिटी इलाहाबाद है। यहां अगर कोई प्रॉब्लम होती है तो उसे सॉल्व करने के लिए डिपार्टमेंट जिम्मेदार नहीं है। आपको खुद ही जुगाड़ करना होगा, अपने खर्चे पर प्रॉब्लम को सॉल्व करना होगा। नगर निगम के जलकल विभाग का रवैया कुछ ऐसा ही है। शिकायत करने पर लोगों की प्रॉब्लम सॉल्व करने की जगह सुझाव दिया जाता है कि प्लम्बर बुलाइए और प्रॉब्लम सॉल्व कराइए। आरटीआई में भी कुछ यही जवाब नगर निगम के जलकल विभाग की ओर से दिया गया है।

केस-क्-

नगर निगम के जोन-क् एरिया के कटघर इलाके में रहने वाले काशीनाथ ने जलकल विभाग से वाटर कनेक्शन ले रखा है। जिसका वे हर साल वाटर टैक्स जमा करते हैं। पिछले कुछ दिनों से उनके पाइप लाइन से पानी नहीं आ रहा था। जिसकी शिकायत उन्होंने जलकल विभाग में की। लेकिन शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई। अंत में उन्होंने खुद प्लम्बर बुलाकर पाइप लाइन को दुरुस्त कराया।

केस- ख्-

मुट्ठीगंज इलाके में रहने वाले विजय कुमार ने भी जलकल विभाग से पानी का कनेक्शन ले रखा है। ये भी हर साल वाटर टैक्स जमा करते हैं। मोहल्ले में कई लोगों के घरों में पानी न आने पर सब ने मिल कर जलकल विभाग में शिकायत की। लेकिन इनके शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारियों ने जवाब दिया कि खुद ही चेक करा लें।

नूतन ठाकुर ने आरटीआई के जरिये मांगा था जवाब

इलाहाबाद, लखनऊ, कानपुर, आगरा, झांसी, चित्रकूट, बांदी, बनारस आदि शहरों में जलकल विभाग द्वारा लोगों को सप्लाई किए जा रहे पानी के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने आरटीआई लगाया था। जिसमें उन्होंने जलकल विभागों से जल आपूर्ति और व्यवस्था से संबंधित सवाल किए थे। पांच सवालों की कड़ी में उन्होंने जलकल विभागों से पूछा था कि क्या पेयजल की स्वच्छता एवं गुणवत्ता के आधार पर जल संस्थान यह मानता है कि उनके द्वारा सप्लाई किए जा रहे पेयजल को पीने के पहले पुन: घरों में स्वच्छ करने, फिल्टर आरओ के प्रयोग की आवश्यकता है या नहीं। क्या यह सीधे पीने योग्य है।

आरओ या फिल्टर की जरूरत नहीं

आरटीआई के जवाब में जलकल विभाग के जन सूचना सचिव ने चौकाने वाला जवाब दिया है। जवाब में उन्होंने लिखा है कि जलकल विभाग इलाहाबाद द्वारा सप्लाई किया जा रहा पानी सीधे पीने योग्य है। इस पानी फिल्टर करने या फिर आरओ का प्रयोग करने की कोई जरूरत नहीं है।

खराबी तो खुद ही ठीक करा लेना चाहिए

आरटीआई के जवाब में ही जलकल विभाग ने यह भी लिखा है कि उपभोक्ता के सर्विस लाइन में टूट फूट होने के कारण तथा टंकियों की सफाई न होने के कारण संबंधित उपभोक्ता द्वारा संज्ञान लेकर स्वयं के व्यय पर मान्यता प्राप्त प्लम्बर से समस्या को दूर करा लेना चाहिए। जलकल विभाग पर आश्रित नहीं रहना चाहिए।

क्म् परसेंट टैक्स किस बात की

एक तरफ जलकल विभाग जहां सर्विस लाइन में खराबी आने पर खुद ही मरम्मत कराए जाने का सुझाव दे रहा है। वही जलकल विभाग कनेक्शन धारक से क्म् परसेंट वाटर टैक्स लेता है। वाटर टैक्स में कोई छूट नहीं होती। टैक्स न देने पर इंट्रेस्ट अलग लगता है। फिर क्म् परसेंट टैक्स किस बात की लेते हैं।

अगर किसी व्यक्ति ने जलकल विभाग से वाटर कनेक्शन ले रखा है, वो टैक्स जमा करता है। और उसके सर्विस पाइप लाइन में कोई दिक्कत आती है तो उसकी मरम्मत कराने की जिम्मेदारी जलकल विभाग की है। घर के अंदर खराबी आती है तो फिर कनेक्शन धारक की जिम्मेदारी है। जलकल विभाग की ओर से अगर इस तरह का जवाब दिया जा रहा है तो ये गलत है।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम

इलाहाबाद