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PRAYAGRAJ: प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेला के दौरान 24 जनवरी का दिन देश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है। जहां अपने वतन आकर प्रवासी भारतीय हर उस अलौकिक दृश्यों के साथ जुड़कर न केवल खुश हुए बल्कि एक-एक लम्हे को जी भर कर जिया भी। वाराणसी में तीन दिनों तक चले प्रवासी भारतीय सम्मेलन से होकर प्रयागराज में आयोजित कुंभ की छटा देखने के लिए गुरुवार को जब तीन हजार से अधिक प्रवासी भारतीय इंद्रप्रस्थम् सिटी पहुंचे तो चाहे मॉरीशस या साउथ अफ्रीका या लंदन या फिर सिंगापुर के प्रवासी भारतीय हो किसी की जुबां पर लगातार अमेजिंग इंडिया, द ग्रेट प्लेस प्रयागराज के साथ ही वॉव इट इज यूनेस्को लिस्टेड प्लेस ही आ रहा था।

बनाई 24 वीडियो क्लिप
लंदन से आए हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ। कृष्णामूर्ति व पत्नी डॉ। शांभवी 24 जनवरी को ना आकर 23 जनवरी को ही अपने साधन से प्रयागराज पहुंच गए थे। इसलिए तीस साल पहले बंगलुरू से लंदन शिफ्ट कर चुके डॉक्टर पति-पत्नी कुंभ का वैभव देखने के लिए बुधवार की रात में ही निकल गए। पति-पत्नी ने सेक्टर सोलह में स्थित प्रत्येक अखाड़ों के शिविरों में जाकर कुल 24 वीडियो क्लिप बनाई। स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ। शांभवी ने अखाड़ों का वैभव देखने के बाद बताया कि कलरफुल डेकोरेशन इन प्रयागराज कुंभ। इसी तरह सिंगापुर से अतुल लैमोनिकल और उनके साथी नवीन चंद्र पांडेय भी 23 जनवरी की रात में ही कुंभ एरिया पहुंच गए थे। देहरादून से बीस वर्ष पहले जाकर सिंगापुर में बसे दोनों प्रवासी भारतीयों ने रात में ही संगम नोज का भ्रमण किया था। नोज की लाइटिंग, रंग-बिरंगी ध्वज-पताका को उन्होंने भी अपने कैमरे में कैद किया। सिंगापुर सहित जापान, दुबई, आबूधाबी, मलेशिया व इंडिया में ग्लोबल इंडिया इंटरनेशनल स्कूल की चेन चलाने वाले सिंगापुर के अतुल लैमोनिकल ने बताया कि बहुत अच्छा लगता है जब अपने वतन में आना होता है।

शुक्रिया मोदीजी, योगीजी
यूनेस्को द्वारा कुंभ मेला को सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किए जाने के बाद केन्द्र व प्रदेश सरकार की अगुवाई में दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ की तैयारियां प्रवासी भारतीयों के मन को इस कदर भा गई कि सब ने मोदीजी और योगीजी का शुक्रिया अदा किया। पंद्रह साल पहले दारागंज की बड़ी कोठी के पास रहने वाली और अब नाइजीरिया शिफ्ट हो चुकी श्वेता श्रीवास्तव ने तो प्रयागराज की खुले दिल से तारीफ की। उन्होंने अपनी फीलिंग जाहिर करते हुए कहाकि प्रयागराज का तो पूरा कायाकल्प हो गया है।

प्रयागराज की आभा देखकर मन खुश हो गया। इसकी भव्यता का वीडियो बनाया है। जिसे अपने देश जाकर दोस्तों को दिखाना है। लेकिन उसके पहले 26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड देखने के लिए फिर से आना है।
-अतुल लैमोनिकल, सिंगापुर

ग्लोबल इंडिया इंटरनेशनल स्कूल के सिलसिले में हम तो साल में एक बार अपने देश जरूर आते हैं। इसका मोह कभी नहीं छूट सकता है। लेकिन सबसे बड़ी खुशी कुंभ मेला का हिस्सा बनकर हो रही है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
नवीन चंद्र पांडेय, सिंगापुर

मेरा तो मायका ही दारागंज में है। प्रयागराज लगातार आना-जाना होता है। लेकिन सबसे बड़ी बात यही है कि अपना प्रयागराज पूरी तरह से बदल गया है। जिसकी तारीफ करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है।
-श्वेता श्रीवास्तव, नाईजीरिया

पहली बार कुंभ मेला की भव्यता देखने को मिली है। इसलिए पत्नी के साथ मेला एरिया का भ्रमण किया और खूब वीडियो क्लिप बनाई है। लंदन लौटकर अपने बच्चों को इंडिया की कला व संस्कृति का अमेजिंग नजारा दिखाना है।
-डॉ। कृष्णामूर्ति व डॉ। शांभवी, लंदन

मोदीजी और योगीजी ने कमाल कर दिया। अब समझ में आ रहा है कि यूनेस्को ने ऐसे ही नहीं कुंभ को अपनी धरोहर की लिस्ट में शामिल किया है। भागदौड़ की जिंदगी में यहां सुकून और नई ऊर्जा मिली है। इसलिए उन पलों को कैमरे में कैद कर लिया है।
-रिनीशा, साउथ अफ्रीका