लेखपाल परीक्षा में बेहद आम मुहावरों पर पूछे सवाल

हिंदी, गणित, समान्य ज्ञान और ग्रामीण विकास पर भी सवाल

KAUSHAMBI: ऊंट के मुंह में जीरा की कहावत लगभग सभी लोग बचपन से सुनते आ रहे होंगे। लेकिन कहावत का शाब्दिक अर्थ किसी को सही मायने में याद रहा होगा तो वह लेखपाल बन सकता है। रविवार को जिले में सम्पन्न हुई लेखपाल भर्ती परीक्षा में खास तौर पर समान्य ज्ञान और ग्राम विकास से जुड़े सवाल ही पूछे गए। पेपर में समाजवादी नेता जय प्रकाश नरायण की बाबत भी एक सवाल था। फिलहाल परीक्षा का रिजल्ट चाहे जो भी रहे लेकिन प्रश्न पत्र बेहद ही सरल और रोचक थे।

चार भाग में प्रश्नपत्र

प्रश्न पत्र को चार भाग में तोड़ा गया था। पहला भाग हिंदी का था। इसमें मुहावरों का अर्थ, पर्यायवाची, तत्सम-तत्भव आदि से जुड़े सवाल बेहद सरल तरीके से पूछे गए थे। दूसरा भाग गणित पर आधारित था। इसमें क्षेत्रफल निकालने, बहुलक, माध्यामिका और दिमागी मंथन से जुड़े सवाल आए थे। ज्यादातर वह सवाल थे जो लेखपाल को आने वाले समय में जमीन के क्षेत्रफल आदि निकालने में कारगर शामिल हो। तीसरा भाग समान्य जानकारी से जुड़ा था। इसमें जनरल नॉलेज से जुड़े सवाल थे। अंतिम भाग ग्रामीण विकास से जुड़ी केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं से जुड़ा था। इसमें एनसीआर के मुख्यालय से लेकर समान्य जानकारी से जुड़ा था।

लोकनायक किसे कहा गया

सपा सरकार में किसी विभाग के पद की परीक्षा हो और उसमें समाजवादी नेता से जुड़ा कोई सवाल भी नहीं पूछा जाए, शायद संभव ही नहीं है। परीक्षा में लोक नायक किसे कहा गया, इसका भी उल्लेख था। ऑप्सन में जेपी नरायण, चितरंजन दास, आशुतोष मुखर्जी और सीएफ एन्ड्रयूज का नाम दिया गया था।

अवध का कृषक आंदोलन भी

प्रश्न पत्र में अवध के कृषक आंदोलन के मुख्य किरदार के बाबत भी सवाल था। जिसमें पूछा गया था कि आंदोलन का नेता कौन था। ऑपसन में महात्मा गांधी, बीआर अंबेडकर, अल्लूरी सीताराम राजू और बाबा रामचन्द्र का नाम शामिल था।