प्रयागराज (ब्यूरो)। कमेटी में रामलीला के 8वें दिन की शुरुआत समुद्र के दूसरे किनारे पहुंची राम की सेना लंका पर चढ़ाई की तैयारी से होती है। लेकिन राम अपने सहृदयता का परिचय देते हुए एक बार फिर रावण के दरबार में अपने दूत अंगद को भेजते है। युवराज अंगद शांतिदूत बनकर पहुंचते है। सभा में अंगद और रावण के संवाद से दर्शक रोमांचित हो गए। लेकिन रावण अंगद के प्रस्ताव का स्वीकार नहीं करता है। Fierce war begins
लक्ष्मण-मेघनाथ में भीषण युद्ध ने दर्शकों को किया रोमांचित
नवरात्र के समापन के साथ ही धीरे-धीरे रामलीलाओं का मंचन भी अपने समापन की ओर से बढऩे लगा है। नवरात्र की नवमी पर रामायण में रावण सेना और वानर सेना के बीच युद्ध की शुरुआत से हुई। इस दौरान कुंभकरण वध से लेकर लक्ष्मण को शक्ति लगने और उनके मूर्छित होने और मेघनाथ के वध की लीला का मंचन होता है। श्री पथरचट्टी रामलीला

कटरा में अंगद रावण संवाद से हुई शुरुआत
श्री कटरा राम लीला कमेटी की ओर से चल रही रामलीला में गुरुवार को कमेटी अध्यक्ष सुधीर कुमार गुप्ता और महामंत्री गोपाल बाबू जयसवाल द्वारा आरती के बाद लीला का आरम्भ होता है। अंगद द्वारा रावण के दरबार में पहुंच कर अंगद रावण को समझाते हैं कि माता सीता को सम्मानपूर्वक राम के पास पहुंचा दें और श्री राम से संधी कर लो। श्री राम बहुत दयालु है और तुम्हे माफ़ कर दिया जाएगा। लेकिन रावण अहंकार में दुत को ललकारता है और कहा तीनों लोको के विजेता, चारों दिशाओं में रावण का कोई मुकाबला करने की साहस नहीं करता है। ये वनवासी राम, लक्ष्मण मुठ्ठी भर वानरों को लेकर हमारा बाल भी बाका नहीं कर सकता है। कुंभकर्ण को जगाया जाता और युद्ध में जाने के लिए कहा जाता है। कुभकरण बड़े भाई रावण को समझाते कि राम कोई साधारण पुरुष नहीं है। आप कहते हैं तो मैं युद्ध में जा रहा हुं। इसके बाद कुंभकरण वध और मेघनाथ वध की लीला का शानदार तरीके से मंचन किया जाता है।

लक्ष्मण मूर्छा, संजीवनी बूटी लाने का मंचन
श्री महंत बाबा हाथी राम पजावा रामलीला कमेटी की ओर से आयोजित हो रही रामलीला में गुरुवार को भगवान राम के आगमन से शुरुआत होती है। इसके बाद सांसद रीता बहुगुणा जोशी एवं डीएम प्रयागराज संजय खत्री भगवान की आरती उतारते हंै। इसके बाद विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाता है। रामलीला निर्देशक सचिन कुमार गुप्ता के निर्देशन में लक्ष्मण को मूर्छित होना और हनुमान का आकाश मार्ग से उडऩा एवं संजीवनी बूटी लेकर आना बहुत ही अलौकिक तरीके से प्रस्तुत किया जाता है। लक्ष्मण का मूर्छा से जीवित होकर पुन: मेघनाथ से युद्ध बहुत ही भीषण तरीके से प्रस्तुत किया। लक्ष्मण और मेघनाथ का महासंग्राम को देखकर जनता में अद्भुत का रोमांच जाग उठा । मेधानाथ को कृत्रिम तरीके से प्रस्तुत किया गया। मेघनाथ के वध होते ही हर तरफ जय श्रीराम के जयकारे गूंजने लगे।

दारागंज में मेघनाथ वध व सती सुलोचना विलाप का मंचन
श्री दारागंज रामलीला कमेटी के तत्वावधान में मेघनाथ का वध और सती सुलोचना का विलाप की लीला का मंचन किया गया। लीला संयोजक पंडित सियाराम शास्त्री के निर्देशन में मेघनाथ वध का घनघोर युद्ध का दर्शन उपस्थित लोगों ने किया। मेघनाथ के वध के बाद लीला स्थल पर सती सुलोचना का मार्मिक विलाप होता है। दर्शकों को द्रवित कर दिया। जिसको देखकर लोगों की आंखें नम हो जाती हैं। कल रावण वध अलोपीबाग लीला ग्राउंड पर होगा। जहां 21 फीट के ऊंचे रावण को श्री दारागंज रामलीला कमेटी के राम के द्वारा वध किया जाएगा। उसके बाद दोनों कमेटी के पात्र मां अलोप शंकरी का दर्शन करने जाएंगे। पूजन अर्चन कर के ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति की कामना भी करेंगे और अपने निर्धारित मार्ग से वापस जाएंगे।