तीन घंटे की देरी से रैली स्थल पर पहुंचीं मायावती

सुबह नौ बजे से पब्लिक भाषण सुनने के लिए करती रही इंतजार

ALLAHABAD: पब्लिक की मौजूदगी ने भले ही आयोजकों के साथ मायावती के चेहरे पर रौनक ला दी लेकिन, इस पर पब्लिक को लाने के बाद सब भूल गए। पंडाल के नीचे ढूंसकर बैठाए गए लोगों को इसके बाद टॉयलेट जाने का भी मौका नहीं मिला। पीने के पानी का इंतेजाम भी दुरुस्त नहीं था। दो टैंकर एक घंटे के भीतर खाली हो गए, इसके बाद न तो पब्लिक से कोई पानी पूछने वाला था और न ही यह देखने वाला कि वे बैठे कैसे हुए हैं। आसपास कोई ऐसी दुकान दिखी जहां से बोतल बंद पानी खरीद कर लोग अपनी प्यास बुझा सके। सुबह नौ बजे से लेकर शाम चार बजे तक भीड़ भूखी प्यासी बैठी रही।

सुबह से ही जुटने लगी थी भीड़

कालेज के सामने मैदान में बसपा सुप्रीमो को दोपहर 12 बजे सभा को संबोधित करना था। यही वजह रही कि बहन मायावती को करीब से देखने के लिए मेवालाल गया प्रसाद गुप्ता इंटर कॉलेज के सामने स्थित मैदान में सुबह नौ बजे से ही भीड़ जुटने लगी थी। दोपहर 12 बजे तक मैदान समर्थकों से भर गया। लेकिन, उसके बाद भी समर्थकों के आने का सिलसिला टूटा नहीं। मैदान भर जाने के बाद हजारों की संख्या में भीड़ सड़क पर खड़ी रही।

टैंकर खाली, पानी का इंतेजाम नहीं

बसपा सुप्रीमो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से तीन घंटे की देरी से रैली स्थल पर दोपहर 3.09 बजे पहुंची। उनका भाषण शाम 4.09 बजे तक चलता रहा। फागुन के महीने में चिलचिलाती धूप के बावजूद पानी का सिर्फ दो टैंकर रखा गया था। जो एक घंटे में ही खाली हो गया। इसके अलावा रैली स्थल पर पानी का कोई भी इंतजाम नहीं किया गया। मायावती के भाषण के दौरान गर्मी की वजह से आगे की पंक्ति में बैठीं कई महिलाएं बेहोश हो गई तो अधिकतर महिलाएं अपने साड़ी के पल्लू से पसीना पोंछती नजर आई। सुरक्षा घेरे के बाद सबसे आगे महिलाओं के बैठने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन भीड़ का दबाव बढ़ने के बाद कोई अपनी जगह से हिल नहीं सका। और भूखी प्यासी भीड़ घंटों बैठी रही। स्थिति यह रही कि पानी की व्यवस्था न होने से परेशान लोगों ने दबी जुबान से आयोजकों को जमकर कोसा।