प्रयागराज ब्यूरो । संगम किनारे किला के पास जल्द ही मेडिटेशन जोन तैयार होगा। यहां यमुना तीरे बैठकर जीवन के सुकून भरे लम्बे बिता सकेंगे। इस बीच यमुना नदी के शीतल जल को छूकर आने वाली ठंडी हवाएं दिमाग को पूरी तरह फ्रेश कर देंगी। आप को ऐसा लगेगा मानों समंदर के किनारे बैठे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, यहां तीन तीन बड़े सिटिंग प्लाजा भी बनाए जाऐं। इस सिटिंग प्लाजा में बैठकर आप यमुना नदी के उस पार अरैल तक के खूबसूरत दृश्य को निहार सकेंगे। इसी के साथ लक्जरी चेजिंग रूम भी होगा। जिसमें स्नान के बाद महिलाएं आराम से कपड़े चेंज कर सकेंगी। यह सब सिर्फ सपना नहीं, बल्कि महाकुंभ के पूर्व सच साबित होने वाला है। सिंचाई विभाग ने काम शुरू कर दिया है। इस पूरे कार्य पर करीब सात करोड़ रुपये का बजट खर्च होगा।

सुविधा के अनुरूप बनेंगी सीढिय़ां
महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं। संगम की धार्मिक और पौराणिक मान्यता की ख्याति पूरे विश्व में फैली है। महाकुंभ में देश ही नहीं, विदेश तक से भी श्रद्धालुओं का आगमन होगा। यही वजह है कि यहां पर विकास के कई चमत्कारी कार्य कराए जा रहे हैं। इन्हीं कार्यों में एक संगम का किला घाट भी है। यहां पर करीब 60 मीटर चौड़ा घाट बनाया जा रहा है। इस घाट के निर्माण का काम शुरू हो चुका है। घाट पर स्नानार्थियों के लिए सीढिय़ां तो बनाई ही जाएंगी। एक रैंप का भी निर्माण कराया जाएगा। ताकि दिव्यांग स्नानार्थियों को स्नान करने में कोई दिक्कत नहीं हो। स्नानार्थियों के लिए बनाई जाने वाली सीढिय़ों की डिजाइन ऐसे की जाएगी कि स्नान के लिए यमुना के पानी तक जाने में किसी को दिक्कत नहीं हो। सीढिय़ां चौड़ी और लंबी तो होंगी ही ऊंचाई भी बहुत नहीं होगी। ताकि वृद्धजनों को सीढिय़ों पर चढऩे या उतरने में दिक्कत नहीं हो। ज्यादा उम्रदराज स्नानार्थी दिव्यांगजनों के लिए बनाए गए रैंप का भी प्रयोग कर सकेंगे। यह सारा काम बारिश और बाढ़ के पूर्व फिलहाल पूरा करने का लक्ष्य विभाग ने तय किया है। यही वजह है कि काम की गति काफी तेज है।