प्रयागराज ब्यूरो । हमने शनिवार को खराब एमआरआई को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में खबर पब्लिश की थी। जिसमें हमने बताया था कि यह मशीन 9 माह में 7 बार खराब हो चुकी है। इस बार एक माह बीतने के बाद भी इसे चालू नही किया जा सका। ऐसे में मशीन का मेंटनेंस करने वाली सायरिक्स कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं। इस मामले को संज्ञान में लेकर डीएम ने सीएमओ को बेली अस्पताल भेजा है। एजेंसी के इंजीनियर ने बताया कि जर्मनी से मशीन का पार्ट मंगाया गया है जो मंगल-बुध तक पहुंच जाएगा। इस पर सीएमओ का कहना था कि यह व्यवस्था पहले से करके रखिए। इतने समय तक मशीन खराब होने से मरीज प्रभावित होते हैं। मौके पर अस्पताल की सीएमओ डॉ। शारदा चौधरी भी मौजूद रहीं।

2015 में लगी थी मशीन

बताया गया कि एमआरआई मशीन 2015 में लगी थी और इसके बाद तीन साल तक निर्माता कंपनी ने इसे संचालित किया। तब तक सब ठीक था। इसके बाद मेंटनेंस का चार्ज सायरिक्स कंपनी को दिया गया। उनकी कार्यप्रणाली के चलते मौजूदा वर्ष में मार्च से यह मशीन अब तक सात बार खराब हुई। जबकि प्राइवेट संस्थानों में एमआरआई की जांच में 10 हजार रुपए तक खर्च होते हैं जो सबके कराने के बस में नही होता है। बेली अस्पताल में यह जांच 2500 रुपए में होती है।

डीएम साहब के आदेश पर मैं बेली अस्पताल गया था। वहां पर मैंने कंपनी के कर्मचारियों को तत्काल मशीन बनवाने की हिदायत दी और कहा कि भविष्य में मरम्मत की व्यवस्था करके रखें। बार-बार मशीन खराब होने से मरीज परेशान हो रहे हैं।

डॉ। नानक सरन, सीएमओ प्रयागराज