-लोगों में जागरुकता की कमी चलते जमकर मची लूट
-हजारों की जांच का सामने नहीं आता परिणाम, वायरल फीवर और मलेरिया से भी आता है फीवर
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PRAYAGRAJ: इस सीजन में तीन से चार दिन फीवर ठहर जा रहा है तो लोग तत्काल डेंगू की जांच करा लेते हैं। जागरुकता की इस कमी का फायदा बिचौलिए उठा रहे हैं और लोगों को हजारों का चूना लग रहा है। जबकि एक्सपर्ट कहते हैं कि फीवर के कई कारण हो सकते हैं। यह नॉर्मल वायरल इंफेक्शन से भी हो सकता है। इसलिए बिना फिजीशियन की सलाह कोई जांच नहीं कराना चाहिए।
डेढ़ से दो हजार की होती है जांच
जिले में डेंगू का प्रकोप चरम पर है। अब तक 600 से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं। ऐसे में फीवर को लेकर लोगों में दहशत का माहौल है। लंबे समय तक फीवर के ठहरने पर लोग पैथोलाजी में जांच करा रहे हैं। बता दें कि एक जांच 1500 से 2000 रुपए के बीच हो रही है। यह भी अहम है कि इस जांच को सरकार मान्यता भी नही देती। डेंगू की जांच केवल मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी में ही मान्य है। यह पूरी तरह नि:शुल्क है।
इस वजह से भी आ रहा फीवर
इस सीजन में फीवर आने का सबसे बड़ा कारण नॉर्मल वायरल इंफेक्शन है। इसमें बुखार सात से आठ दिन तक ठहरता है और फिर अपने आप उतर जाता है। दूसरे कारणों में टाइफाइड, निमोनिया और मलेरिया शामिल है। हालांकि इन बीमारियों का खुलासा डॉक्टर द्वारा बताई गई जांच से होता है। डॉक्टर्स का कहना है कि बिचौलिए लोगों के डेंगू के प्रति दहशत का नाजायज फायदा उठा रहे हैं।
डेंगू के लक्षण
-तेज बुखार।
-आंख के पीछे मांसपेशियों में दर्द।
-जोड़ों में दर्द होना।
-कमजोरी।
-बॉडी पर रेशेज और ब्लीडिंग होना।
वर्जन
लोगों में कन्फ्यूजन का सबसे बड़ा कारण कई बीमारियों के लक्षणों का डेंगू से मिलना भी है। इसलिए बहुत अधिक हड़बड़ाने के बजाय इंतजार करना चाहिए और फिजीशियन के कहने के बाद ही कोई जांच कराएं।
-डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन
जब कोई घातक बीमारी तेजी से फैलती है तो लोगों की मानसिकता पर गहरा असर पड़ता है। एक भी लक्षण मिलने पर उसके दिमाग में नकारात्मकता जन्म लेने लगती है। ऐसे में घबराए हुए मरीज को भटकाने के बजाय सही रास्ता दिखाना चाहिए। इस सीजन में मॉब काउंसिलिंग की आवश्यकता है।
-डॉ। राकेश पासवान, मनोचिकित्सक, काल्विन हॉस्पिटल