कोरोना के इलाज के आगे बाकी मरीजों को नही दी जा रही तरजीह
संक्रमण के डर से प्राइवेट हॉस्पिटल जा रहे हैं मरीज
सरकारी हॉस्पिटल्स में फिलहाल डेंगू के मरीजों को बेहतर इलाज नही मिल पा रहा है। कोरोना के इलाज में लगे हॉस्पिटल्स में अधिकतर मरीजों को लौटा दिया जा रहा है तो कई मरीज संक्रमण के डर से सरकारी हॉस्पिटल जाने से बच रहे हैं। सरकारी हॉस्पिटल्स में डेंगू के इलाज के बहुत अच्छे इंतजाम भी मौजूद नही हैं। कुछ दिन पहले तक जांच नही होने से भी मरीजों का काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
प्राइवेट में भर्ती हो रहे मरीज
पिछले कई महीनों से सरकारी हॉस्पिटल्स में कोरोना का इलाज किया जा रहा है।
वहां के डॉक्टर्स और स्टाफ भी कोरोना की रोकथाम में लगे हैं।
ऐसे में डेंगू के मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इलाज के लिए भर्ती होना पड़ रहा है।
ममफोर्डगंज के विवेक दो दिन तक एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती थे। अच्छा इलाज नही होने से उन्हें लाउदर रोड के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा। उन्हें डेंगू जैसे लक्षण थे।
इसी तरह साउथ मलाका के शमीम को भी एसआरएन हॉस्पिटल से चार दिन इसी एरिया के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में डेंगू के इलाज के लिए भर्ती होना पड़ा।
मौके पर उपलब्ध नही प्लेटलेट
सरकारी हॉस्पिटल्स में इस साल डेंगू के इलाज के पूरे इंतजाम मौजूद नही हैं।
बेली हॉस्पिटल फिलहाल कोविड एल टू में तब्दील है।
एसआरएन हॉस्पिटल में मरीजों की शिफ्टिंग हो गई है लेकिन स्टाफ का रोना बना हुआ है।
काल्विन हॉस्पिटल में अधिक भीड़ होने की वजह से डेंगू के मरीजों को बेहतर इलाज नही मिल पा रहा है।
सरकारी हॉस्पिटल्स में प्लेटलेट्स का भी टोटा बना हुआ है।
ऐसे में मरीजों को एएमए ब्लड बैंक का रुख करना पड़ रहा है।
प्राइवेट हॉस्पिटल्स में बेहतर इलाज
कोरोना संक्रमण के दौरान प्राइवेट हॉस्पिटल्स डेंगू के मरीजों के इलाज में बेहतर काम कर रहे हैं।
उनकी ओर से किट जांच कराने के बाद डेंगू लक्षणों से मिलते जुलते मरीजों को ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।
ऐसा इसलिए कि इनमें कोरोना के मरीजों को भर्ती करने की मनाही है।
ऐसे में डेंगू या अन्य बीमारी के मरीज आसानी से भर्ती हो रहे हैं।
जांच शुरू लेकिन सैंपल नही
सरकारी हॉस्पिटल में डेंगू का इलाज होने से एमएलएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रो बायलाजी लैब में डेंगू की जांच के लिए सैंपल पहुंचते थे। लेकिन प्राइवेट में मरीजों के भर्ती होने से अब लैब में डेंगू जांच के सैंपल काफी कम पहुंच रहे हैं। आमतौर पर प्राइवेट हॉस्पिटल्स मरीजों की सरकारी जांच कराने से बचते हैं। कारण जो कोई भी हो, वह केवल इलाज करने में अपनी भलाई समझते हैं। यही कारण है कि अब तक लैब में गिनती के सैंपल ही पहुंचे हैं। जबकि एएमए ब्लड बैंक से रोजाना दो से ढाई यूनिट प्लेटलेट्स सप्लाई की जा रही है।
इस बार पीक सीजन में डेंगू के लक्षणों से मिलते जुलते मरीजों का प्राइवेट हास्पिटल में इलाज चल रहा है। सरकारी हॉस्पिटल्स इस समय कोरोना के इलाज में इनवाल्व हैं। कई मरीज संक्रमण के डर से भी सरकारी हॉस्पिटल नही जाना चाहते हैं। उन्हें मालूम हैं कि प्राइवेट में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं।
केपी द्विवेदी,
जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज