गुरुवार को ही पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद कहा था नहीं लड़ेंगे

शुक्रवार को जारी लिस्ट से गायब हो गया नाम, परिवार से किसी के भी चुनाव लड़ने की संभावना हुई कमजोर

ALLAHABAD: भाई सपा के सिपाही हैं। उन्होंने गुरुवार को ही संकेत दे दिया था कि सीएम की छवि बेहतर बनाने के लिए वह चुनाव लड़ने की ख्वाहिश की कुर्बानी देंगे। शुक्रवार को सपा की लिस्ट जारी हुई तो यह स्पष्ट भी हो गया कि वह कम से कम सपा के टिकट पर तो चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं। उनके स्थान पर कानपुर कैंट से दूसरा प्रत्याशी मैदान में उतार दिया गया है। नई परिस्थितियों में अब इस परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव में उतर पाएगा या नहीं? इस पर भी सवाल खड़ा हो गया है।

इलाहाबाद से कर रहे थे तैयारी

सपा में जब तक सब कुछ सामान्य था अतीक अहमद चुनाव को लेकर बेहद उत्साहित थे। वही नहीं उनके भाई अशरफ के भी चुनाव में उतरने की संभावनाएं मजबूत थीं। दोनों की तैयारी इलाहाबाद की ही सीटों पर थी। अशरफ वैसे भी शहर पश्चिमी से विधायक रह चुके हैं। हालांकि पिछली बार ही सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। लेकिन, तब परिस्थितियां कुछ और थीं। धीरे-धीरे वक्त करवट लेता गया और परिस्थतियां बदलती चली गई। पिछले साल ही कौशांबी में सीएम के मंच पर जो हुआ उससे काफी कुछ संकेत मिल गए थे।

मुलायम सिंह ने बनाया था प्रत्याशी

सपा में पिता-पुत्र के बीच जंग छिड़ने के बाद अलग-अलग प्रत्याशियों की लिस्ट जारी हुई तो अतीक को कानपुर कैंट से प्रत्याशी बनाया गया। प्रत्याशी बनने के बाद उन्होंने लम्बे चौड़े लाव-लश्कर के साथ उन्होंने कानपुर कैंट क्षेत्र में अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराई। लेकिन, किसी को यकीन नहीं था कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। पिता-पुत्र के बीच विवाद बढ़ने पर उन्होंने एक बयान में भी कहा था कि निर्दल भी चुनाव लड़ सकते हैं। कई बार उन्होंने मुलायम सिंह से मुलाकात भी की तो टिकट को लेकर अटकलें बढ़ गई। चुनाव आयोग से साइकिल निशान अखिलेश को एलॉट होने के बाद गुरुवार को अतीक के सुर बदल गए और उन्होंने कह दिया था कि वे सपा के सिपाही रहेंगे लेकिन चुनाव नहीं लड़ेंगे। शुक्रवार को इस पर सीएम ने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करके मुहर भी लगा दी।