प्रयागराज ब्यूरो । पेपर लीक कराने वाला गैंग सत्तर दिन में टूट गया। पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने खेल एक फरवरी को शुरू हुआ था। और इसका द इंड दस अप्रैल को हुआ। इत्तफाक देखिए कि एक फरवरी को ये खेल रवि अत्री ने शुरू किया और इस खेल का अंत भी रवि अत्री की गिरफ्तारी के साथ दस अप्रैल को हुआ। रवि अत्री ही वह आखिरी कड़ी था जिसने पेपर को बाहर निकलवाया। जब इस पूरे खेल का मास्ट माइंड गिरफ्तार कर लिया गया। राजीव नयन और रवि अत्री ने पूरे राज खोल दिए। एसटीएफ को एक एक दिन का ब्यौरा मिल गया है। अब तक जो गिरफ्तारी हुई है वह केस को मजबूत करने के लिए काफी है। वहीं अब जो गिरफ्तारियां होगी वह सब प्यादे हैं। उनका रोल अभ्यर्थियों को खोज कर लाना था। एसटीएफ ऐसे लोगों की गिरफ्तारी मुख्य अभियुक्तों के खिलाफ मजबूत गवाही के लिए करेगी।

ट्रांसपोर्ट कंपनी में लगाई सेंध
गौतमबुद्ध नगर का रहने वाला रवि अत्री मेडिकल की तैयारी करता था। जाहिर है कि उसका दिमाग काफी तेज है। रवि अत्री खुद सॉल्वर था। इसके बाद उसने दो पेपर आउट कराया। मगर उसने बड़ा खेल करने के लिए पूरा सिस्टम ही बदल दिया। रवि अत्री ने पेपर हासिल करने के लिए और कहीं माथापच्ची करने के बजाए ट्रांसपोर्ट सिस्टम को हाईजैक करने का प्लान बनाया। किस्मत ने उसका साथ भी दिया। रवि अत्री की मुलाकात अंकित मिश्रा से हुई। बात बात में अंकित मिश्रा ने बताया कि वह टीसीआई, गति और ब्लू डाट ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी लगवाता है। रवि अत्री की आंख खुली की खुली रह गई। रवि अत्री को पता था कि प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर इन्हीं तीन में से किसी एक कंपनी के जरिए भेजे जाते हैं। रवि अत्री ने अंकित मिश्रा को अपने आइने में उतार लिया। रवि अंकित पर पैसे खर्च करने लगा। इसकी शुरुआत करीब एक साल पहले हुई।

साथ देने लगा अंकित
रवि अत्री ने अपना प्लान अंकित को बताया। अंकित साथ देने के लिए तैयार हो गया। रवि ने बताया कि जब किसी ट्रांसपोर्ट से पेपर भेजा जाए तो इसकी जानकारी उसे मिलनी चाहिए। पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर अहमदाबाद में छप रहा है। इसकी जानकारी रवि अत्री को थी। रवि को पता चला कि पेपर टीसीआई ट्रांसपोर्ट कंपनी से जाएगा। इस पर अंकित ने रवि की बात टीसीआई कंपनी के अभिषेक शुक्ला से कराई। अभिषेक को रवि ने लाखों रुपये दिए।