- बच्चों की हैबिट से परेशान पैरेंट्स की सॉल्व हुई क्वेरीज

ALLAHABAD: ऐसा नहीं है कि पैरेंट्स अपने बच्चे की बेहतर परवरिश नहीं करना चाहते। बावजूद इसके वह खुद को फेल महसूस करने लगते हैं। उनके रास्ते में कई रुकावटें खड़ी हो जाती हैं। कभी बच्चा जिद्दी हो जाता है तो कभी उसकी फिजिकल फिटनेस उसके मेंटल स्टेटस का साथ नहीं देती। जिससे वह पढ़ाई में वीक हो जाता है। ऐसी ही डिफरेंट प्रॉब्लम्स को लेकर आई नेक्स्ट की पैरेंटिंग सेमिनार में एक्सप‌र्ट्स से डिफरेंट क्वेश्चंस पूछे। जिसका चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। डीके सिंह, डायटीशियन शशि दुबे, सोशल साइकोलॉजिस्ट सुधा शुक्ला और साइकोलॉजिस्ट डॉ। कमलेश तिवारी ने उन्हें माकूल जवाब दिया। सवाल-जवाब का दौर प्रोग्राम में काफी लंबा चला। आइए जानते हैं कि कौन सी थी क्वेरीज और क्या मिला सॉल्यूशन-

सवाल- मेरा बेटा चिड़चिड़ा हो गया है। वह सोता नहीं है और टीवी देखने की जिद करता है। उसकी इस आदत हम बहुत परेशान हैं?

शालिनी अग्रवाल

जवाब- पहले तो आप देर रात तक अपनी टीवी देखने की आदत बदलिए। पैरेंट्स को देखकर ही बच्चों की आदत पड़ती और वह जिद्दी हो जाते हैं। कायदे से पैरेंट्स को रात में दस बजे के बाद टीवी बंद कर देनी चाहिए।

सवाल- मेरे बच्चे का पढ़ने में मन नहीं लगता है। हमलोग उसे काफी समझाते हैं लेकिन मानने को तैयार नहीं है। टीवी भी बहुत देखता है?

मुस्कान

जवाब- अपने बच्चे को बैठने की आदत डालें। अगर वह स्थिर रहेगा तो पढ़ने में मन भी लगेगा। उसके टीवी देखने और खेलने का टाइम निश्चित करें। सोने से ठीक पहले बच्चों को टीवी न देखने दें, इससे उसके ब्रेन गलत इफेक्ट पड़ेगा।

सवाल- मेरा बेटा फोर्थ क्लास में पढ़ता है। क्लास में टॉपर है लेकिन जरा सा नंबर कम आने पर डिप्रेस हो जाता है। उसे कैसे समझाएं?

मंजू

जवाब- उसे समझाइए कि जितना है उसी में खुश रहे। अगर नंबर कम आते हैं तो उसकी वीकनेस को जानिए। जहां वह कमजोर है, उसे बार-बार सिखाइए।

सवाल- मेरा बेटा भ्वीं क्लास में है। पढ़ने में अच्छा है लेकिन लिखने की आदत नहीं है उसे। शांत भी नहीं बैठता है?

जयमाला श्रीवास्तव

जवाब- बच्चों में लिखने की आदत कम होती जा रही है। ये गलत है। ऐसे बच्चों को दिन में कम से कम चार से पांच पेज लिखने की आदत डालिए। कुछ बच्चों की आंख में मायोपिया की शिकायत होती है, ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करें।

सवाल- मेरे बच्चे का पढ़ने में मन नहीं लगता है। थोड़ी देर किताब लेकर बैठता है और फिर उसके बाद मोबाइल पर बिजी हो जाता है। कैसे उसकी आदत बदली जाए?

सरिता श्रीवास्तव

जवाब- बच्चों को समझाने की कोशिश करें। उसके सामने मोबाइल का कम यूज करें। मारने-डांटने के बजाय प्यार से समझाएं। वरना उसके अंदर निगेटिविटी पैदा होने लगेगी।

सवाल- मैं बहुत परेशान हूं। मेरा बच्चा मैगी बहुत ज्यादा खाता है। कुछ और खाने से भागता है?

शालिनी अग्रवाल

जवाब- पहले तो उसे मैगी खाने की आदत छुड़ाएं। अगर फिर भी नहीं माने तो मैगी में ही वेजिटेबल्स की क्वांटिटी बढ़ा दें। ताकि, उसे पूरा न्यूट्रिशन मिल सके।

सवाल- मेरे बच्चे की आदत खराब हो गई है। वह खाने में सब्जी बिल्कुल पसंद नहीं करता है?

मृदुला त्रिपाठी

जवाब- ये कॉमन प्रॉब्लम है। ऐसा है तो कचौड़ी या पराठे के फॉर्म में वेजिटेबल्स भरकर उसे खिलाएं। फूड मोडीफिकेशन जरिए उसे न्यूट्रिशन दिया जा सकता है।

सवाल- मेरा बच्चा अभी सात साल का है लेकिन बिल्कुल भी फैमिलियर नहीं है। बाहर की कोई बात हमसे शेयर नहीं करता है?

सुनील पाठक

जवाब- उसे फ्री छोड़ दीजिए। टोका-टाकी कम कीजिए। हो सकता है इससे परेशान हो। उसे अपने साथ लेकर रिश्तेदारों के यहां जाएं। उसे सोशल होने की आदत डालें।

सवाल- मेरा बच्चा एक दिन खाता है और दूसरे दिन नहीं खाता। उसे कंटीन्यू खाने की आदत कैसे डाली जाए?

मुस्कान

जवाब- उसकी खाने की डोज पर ध्यान दीजिए। एक निश्चित डाइट खाने को दें और ये भी देखिए कि बाहर की चीजें तो ज्यादा नहीं ले रहा है।

सवाल- मेरे बच्चे की ड्राइंग बहुत अच्छी है। उसे कुछ याद नहीं रहता है। जो पढ़ाते हैं वह भूल जाता है?

प्रभा मिश्रा

जवाब- उसे सोने से पहले लिखने की आदत डालें और सुबह उसे दोहराने को कहें। उसे छोटी-छोटी कहानियां सुनाएं और फिर खुद उससे सुने। इससे उसकी मेमोरी पॉवर बढ़ेगी।

सवाल- मेरा बच्चा दिनभर घर में शरारत करता है। खाना खाने के नाम पर भागता है। किसी की नहीं सुनता?

ममता

जवाब- बच्चे से बात कीजिए। उसको अकेले में समझाइए। बच्चे शरारत माता-पिता का ध्यान खींचने के लिए करते हैं, इसे अवायड करें।