-हॉस्पिटल में एडमिट पत्नी की मौत पर याची ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप

-विपक्षी को जवाब पेश करने के लिए कोर्ट ने तय की 19 नवंबर की तारीख

PRAYAGRAJ: इलाज में लापरवाही से हुई पत्नी की मौत का आरोप लगाते हुए धर्मेन्द्र कुमार केसरवानी ने 48 लाख रुपए के मुआवजे का दावा ठोंका है। उन्होंने न्यायालय स्थायी लोक अदालत में सोमवार को याचिका पेश की। न्यायाधीश मार्कण्डेय राय ने विपक्षी को जवाब पेश करने के लिए 19 नवम्बर की तिथि मुकर्रर की है।

13 अगस्त को कराया था भर्ती

बहादुरगंज निवासी धर्मेद्र कुमार केसरवानी ने पेश याचिका में कोर्ट को विस्तृत जानकारी दी है। बताया है कि उसकी पत्ना चेतना केसरवानी को हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी थी। इलाज के लिए 13 अगस्त 2019 को सरस्वती हार्ट केयर एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया था। यहां 18 अगस्त तक चेतना का इलाज चला। इसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि अब उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इसी बीच किसी डॉक्टर या नर्स ने चेतना को इंजेक्शन लगा दिया। इससे उसकी हालत बिगड़ गई और मौत हो गई। इस पर उसने सरस्वती हार्ट केयर एंड रिसर्च सेंट के डॉक्टर डीके अग्रवाल सहित अन्य के विरुद्ध मुआवजा देने की याचिका कोर्ट में पेश की। बताया कि पत्नी की मौत के बाद शव जल्दी-जल्दी एम्बुलेंस से घर भेज दिया गया। मामले की रिपोर्ट जार्जटाउन थाने में दर्ज कराई गई है। याची ने याचिका के जरिए कुल 48 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।