1536 की है कहानी

दीप दान वर्ष 1536 में राजस्थान के चित्तौड़ राज्य की कहानी हैवहां के राजा विक्रमादित्य की बनवीर नामक योद्धा ने हत्या करके राज्य पर कब्जा कर लिया थाविक्रमादित्य का मासूम बेटा था उदय सिंहजिसका लालन पालन की जिम्मेदारी धाय माता पन्ना पर थीउदय सिंह के उम्र का ही पन्ना का बेटा चंदन थाधाय माता पन्ना को पता चला कि बनवीर राजकुमार की हत्या करने जा रहा हैंउन्होंने महल में पत्ता पहुंचाने वाले कीरत को बुलायाएक डोलची में उदय को रख कर कीरत के थ्रू महल से बाहर भिजवा दियाऔर खुद अपने बेटे चंदन को राजकुमार उदय सिंह के बेड पर लेटा दियापन्ना की सूचना सटीक थीकुछ देर में वहां बनवीर पहुंचा और चंदन को राजकुमार उदय समझ कर उसे मौत की नींद सुला दीइस तरह धाय माता पन्ना ने अपने बेटे की कुर्बानी देकर राज कुमार की जान बचाईमंच पर नट धीरज अग्रवाल, नटी शालिनी श्रीवास्तव, पन्ना सोनाली चक्रवर्ती, उदय सिंह अनन्या मोहिले, चंदन सार्थक सारस्वत, सामली समरल, बनवीर नीरज अग्रवाल और कीरत का रोल शिव प्रकाश सरस्वती ने प्ले किया