- बुरी आदत है, बदल डालो

रोज दो यूनिट एनर्जी सेव करने से मिल सकती है पांच मेगावाट अतिरिक्त सप्लाई

सरकारी दफ्तरों में सबसे ज्यादा हो रही बिजली की फिजूलखर्ची

ALLAHABAD: बिजली की कमी का रोना तो सभी रोते हैं, लेकिन क्या कभी सोचा है कि इसका जिम्मेदार कौन है। ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। पॉवर क्राइसिस के बड़े कारणों में हम भी शामिल हैं। बिजली उपकरणों को स्विच की जगह रिमोट से बंद करना, पंखा, एसी और कूलर को खुला छोड़ देना। ऐसी कई आदतें हैं जिनके चलते रोजाना कई यूनिट बिजली बर्बाद हो रही है। अगर हम इस आदत को बदल डालें तो बिजली क्राइसिस की समस्या को काफी हद तक खत्म कर सकते हैं।

घर में खुले हैं हॉस्टल

शहर में कई लोग ऐसे लोग हैं जिन्होंने घरों में हॉस्टल बना रखा है। स्टूडेंट्स को इसी कनेक्शन से बिजली की सप्लाई करते हैं। जबकि यूपीपीसीएल के अनुसार यह बिजली का ऐसा उपयोग कामर्शियल यूज की कैटेगरी में आता है। खास ये कि बिजली की ये एक्स्ट्रा खपत न तो लाइन लास में और न ही बिजली चोरी में दशाई जाती है।

फिजूलखर्ची की आदत

अक्सर ये देखा जाता है कि कई उपभोक्ता एनर्जी की फिजूलखर्ची करते हैं। सरकारी आफिसों में तो यह समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है। जिसका खामियाजा किसी और को नहीं बल्कि विभाग को वहन करना पड़ता है। अक्सर ऐसे लोग आफिस से निकलते वक्त जल्दबाजी या फिर जान बूझकर आफिस लाइट, पंखा, कूलर व एसी आदि खुला छोड़ जाते हैं। जब तक वापस लौटकर आते हैं तब तक बिजली यू आन रहती है। जबकि इससे बिजली विभाग के अलावा खुद संबंधित विभाग को काफी बड़े लेवल पर नुकसान होता है।

सेव एनर्जी

सिटी में बिजली कटौती की समस्या से लोग काफी सालों से जूझ रहे हैं। मगर कोई भी सेव एनर्जी को लेकर आगे नहीं आना चाहता है। अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार बताते हैं कि अगर उपभोक्ता रोज दो यूनिट बिजली सेव करें तो इससे शहर के लिए करीब पांच मेगावाट बिजली की अतिरिक्त सेविंग हो सकती है। वहीं दस मिनट सेव करने पर यह बढ़कर लगभग पच्चीस मेगावाट तक बिजली को सेव किया जा सकता है। लोगों को जितनी बिजली की जरुरत हो उन्हें उतना ही खर्च करना चाहिए। तभी जाकर सिटी में बिजली व्यवस्था बेहतर हो सकती है।

बाक्स में

रोस्टरिंग दो से तीन घंटे

लोकल पावर कट तीन घंटे रोज

पॉवर डिमांड 190 मिलियन यूनिट

पॉवर सप्लाई 170 मिलियन यूनिट

पर डे सप्लाई 7 मिलियन यूनिट

2 यूनिट सेव करने पर 5 मेगावाट अतिरिक्त

लाइन लॉस एरिया

करैली

खुल्दाबाद

नैनी

धूमनगंज

तेलियरगंज

शिवकुटी

फाफमऊ

गद़्दोपुर

बेली कालोनी

दारागंज

क्या करें

जितनी जरूरत हो उतना बिजली यूज करें

जरूरत न होने पर लाइट,पंखे और एसी बंद रखें

घर खाली होने पर पॉवर ऑफ कर दें

- लोगों को जितनी जरूरत हो,उन्हें उतनी बिजली खर्च करना चाहिए। कई बार उपभोक्ता घरों में बिजली आन कर भूल जाते है। इससे उनका बिल तो अधिक आता ही है सप्लाई पर भी इसका असर पड़ता है।

एस पी पाण्डेय चीफ इंजीनियर